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Bikaner की विरासत हुई बदहाल, 200 साल पुरानी सफील लुप्त होने की कगार पर

जयपुर: बीकानेर में सफील रियासत अब विलुप्त होने के कगार पर है। 200 साल से ज्यादा पुराने सफील की जगह मकानों और दुकानों ने ले ली है। चूंकि यह सफील लगभग गायब हो चुका है, इसलिए लोग बची हुई सफील को तोड़कर नई जमीन तैयार कर रहे हैं। शहर की आबादी जिस तरह से बढ़ […]

Bikaner की विरासत हुई बदहाल, 200 साल पुरानी सफील लुप्त होने की कगार पर
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  • Last Updated: March 9, 2023 18:26:25 IST

जयपुर: बीकानेर में सफील रियासत अब विलुप्त होने के कगार पर है। 200 साल से ज्यादा पुराने सफील की जगह मकानों और दुकानों ने ले ली है। चूंकि यह सफील लगभग गायब हो चुका है, इसलिए लोग बची हुई सफील को तोड़कर नई जमीन तैयार कर रहे हैं। शहर की आबादी जिस तरह से बढ़ रही है लोग पुरानी रियासतों की दीवारों को कुछ जगह के लिए ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। विकट स्थिति यह है कि ज्यादातर जगहों पर बाहर या अंदर बने मकान चारदीवारी से सटे हुए हैं। परिधि की दीवार पर दरवाजे, बगीचे, रोशनदान और यहाँ तक कि बालकनियाँ भी बनाई गई थीं।

 

प्रशासन ने नहीं उठाए कोई कदम

बता दें, सफील को बचाने के लिए न तो सरकार प्रयास कर रही है और न ही शहरवासी। बीकानेर को सुरक्षित रखने के लिए बीकानेर के महाराजा ने सुरक्षा के लिए बीकानेर के चारों ओर एक दीवार बनवाई और एक घेरा बनाया, ताकि दुश्मन हमला न कर सके और सुरक्षित रहे। लेकिन, अब नए युग में आक्रमण तो दूर, सफल खुद ही महफूज़ नहीं है। यह सफील कोटगेट से गगाघाट, उस्ताबाड़ी, नत्थूसर गेट, ईदगाह बाड़ी, जस्सूसर गेट तक दीवार की तरह फैली हुई है।

विशेषज्ञों के अनुसार जयपुर, जोधपुर, उदयपुर से सबसे सुरक्षित और मजबूत सफील बीकानेर का रहा। बीकानेर में कई बार हमले हुए हैं जो इस मजबूत दीवार की वजह से नाकाम रहे। शहर के लोगों ने इस सुरक्षा दीवार की मरम्मत और अतिक्रमण हटाने की माँग की थी।

 

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