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बायोमेट्रिक लॉक गाड़ी, पुलिसकर्मियों को लगाए गए बॉडी वार्न कैमरे, जानिए अतीक को लाने गए काफिले की खासियत

लखनऊ। 16 दिनों के बाद एक बार फिर अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है। कई घंटों की कागजी कार्रवाई के बाद अतीक को साबरमती जेल से बाहर निकाला गया है। जेल से बाहर निकलते ही एक बार फिर अतीक को एनकाउंटर का डर सताने लगा है। इसी दौरान अतीक ने […]

अतीक
inkhbar News
  • Last Updated: April 11, 2023 15:52:02 IST

लखनऊ। 16 दिनों के बाद एक बार फिर अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है। कई घंटों की कागजी कार्रवाई के बाद अतीक को साबरमती जेल से बाहर निकाला गया है। जेल से बाहर निकलते ही एक बार फिर अतीक को एनकाउंटर का डर सताने लगा है। इसी दौरान अतीक ने कहा कि ये लोग मुझे मार डालेंगे।

खास सुरक्षा व्यवस्था के साथ लाया जा रहा अतीक

बता दें, अतीक अहमद को इस बार काफी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाया जा रहा है। पुलिस वैन में इस बार सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है। इसके अलावा इस बार अतीक को बॉयोमैट्रिक लॉक वाले पुलिस वैन में रखा गया है, जिसका कंट्रोल कुछ ही पुलिसकर्मियों को दिया गया है। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों को बॉडी वार्न कैमरा पहनाया गया है। कई जवान बुलेटफ्रूफ जैकेट पहनकर मुस्तैद हैं।

30 कॉन्स्टेबल है मौजूद

जानकारी के अनुसार इस बार भी अतीक अहमद को उसी रूट से लाया जा रहा है, जिससे पिछली बार लाया गया था। बता दें, अतीक को साबरमती जेल से राजस्थान के उदयपुर, मध्य प्रदेश के शिवपुर होते हुए झांसी के रास्ते प्रयागराज लाया जाएगा। अतीक को पहले लाने वाली पुलिस टीम ही इस बार भी भेजी गई है। पुलिस की टीम में प्रभारी निरीक्षक और 30 कॉन्स्टेबल मौजूद हैं। इसके अलावा एक जीप और दो बंदी रक्षक वाहन भी भेजे गए हैं।

बता दें, पिछली बार जहां अतीक को उमेश पाल अपहरण कांड में पेशी के लिए प्रयागराज ले जाया गया था। जिस पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अब अतीक पर उमेश पाल मर्डर केस में भी शिंकजा कसना शुरू हो गया है। लिहाजा यूपी पुलिस वारंट बी लेकर प्रयागराज से साबरमती जेल पहुंची है। वारंट बी का मतलब है – ट्रांसफर वारंट

28 मार्च को लाया गया था प्रयागराज

इससे पहले 28 मार्च को अतीक को 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में पेश होने के लिए प्रयागराज लाया गया था। इस हत्याकांड में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ अहमद और 5 अन्य नामजद थे। इसके साथ ही 4 अज्ञात को भी आरोपी बनाया गया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह थे। जिनका बाद में 28 फरवरी को अपहरण हुआ था। इसका भी आरोप अतीक और उसके साथियों पर लगा था। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट करने और जान से मारने की धमकी दी थी।