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दंतेवाड़ा: धमाके के 15 मिनट बाद तक चली गोलियां, दिल दहला देगा Video

दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में बुधवार को हुए नक्सली हमले के बाद का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सुरक्षाकर्मी सड़क के किनारे लेटे हुए नज़र आ रहे हैं. साथ ही सुरक्षाकर्मी इलाके को घेरने के निर्देश देते भी दिखाई दे रहे हैं. #WATCH | Viral video surfaces showing […]

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  • Last Updated: April 27, 2023 19:16:53 IST

दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में बुधवार को हुए नक्सली हमले के बाद का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सुरक्षाकर्मी सड़क के किनारे लेटे हुए नज़र आ रहे हैं. साथ ही सुरक्षाकर्मी इलाके को घेरने के निर्देश देते भी दिखाई दे रहे हैं.

नया वीडियो आया सामने

वीडियो को देख कर साफ़ पता चल रहा है कि ये वीडियो हमले के बाद का है. वीडियो में पीछे गोलियों की आवाज भी सुनी जा सकती है. पुलिस की मानें तो CRPF और राज्य पुलिस के DRG के लगभग जवानों को मंगलवार को सूचना मिली थी कि दंतेवाड़ा के दरभा डिवीजन में माओवादी मौजूद हैं. सूचना मिलने पर लगभग 200 जवानों ने साथ मिलकर अभियान शुरू किया जिसके बाद नक्सलियों ने अरनपुर में पुलिसकर्मियों की एक गाड़ी को निशाना बनाया।

 

50 किलो का IED प्लांट

अरनपुर इलाके में हुए इस हमले के पीछे नक्सलियों के बड़े लीडर्स का हाथ बताया जा रहा है. दरअसल DRG के जवानों को यहां पर नक्सलियों के बड़े लीडर्स के होने की सूचना मिली थी. दोपहर करीब 1 बजे जब जवान यहां से लौट रहे थे तो उनके निजी वाहन में नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया. इस हमले के लिए नक्सलियों ने 50 किलो का IED प्लांट किया था.

इस दौरान होते हैं अधिक हमले

सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी के अनुसार नक्सली मार्च से जून के बीच टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (TCOC)चलाते हैं. इसके पीछे अधिक से अधिक सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाना होता है. ख़बरों की मानें तो छत्तीसगढ़ के साउथ बस्तर में ही नक्सलियों ने टीसीओसी चलाने का प्लान नहीं बनाया है बल्कि उन्होंने अब काफी सालों बाद नए ट्राई जंक्शन के नजदीक सुरक्षा बलों पर हमला करने का TCOC प्लान तैयार किया गया है.

 

कहा जाता है कि टीसीओसी चौथा सबसे अधिक रक्तपात करने वाला महीना है. क्योंकि इस दौरान ना केवल बड़े नक्सली हमले करते हैं बल्कि बड़ी संख्या में नए नक्सलियों की भी भर्ती की जाती है. नए सदस्यों को घात लगाकर जवानों पर हमला करना सिखाया जाता है. साथ ही नए नक्सलियों को सुरक्षा बलों के हथियारों और गोला-बारूद लूटने की भी ट्रेनिंग दी जाती है. अब इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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