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Bagheshwar Dham: धीरेन्द्र शास्त्री की भभूति नहीं आई काम, इलाज के लिए पहुंची बच्ची ने गंवाई जान

बागेश्वर: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उनसे जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां उनका चमत्कार एक 10 वर्षीय बच्ची की जान नहीं बचा पाया. उल्टा इलाज की आस लेकर आई बच्ची ने अपनी जान गंवा दी. क्या है पूरा मामला? अपने कथित चमत्कारों को लेकर पूरे […]

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  • Last Updated: February 20, 2023 21:27:41 IST

बागेश्वर: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उनसे जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां उनका चमत्कार एक 10 वर्षीय बच्ची की जान नहीं बचा पाया. उल्टा इलाज की आस लेकर आई बच्ची ने अपनी जान गंवा दी.

क्या है पूरा मामला?

अपने कथित चमत्कारों को लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बनने वाले और किसी भी बीमारी के ठीक होने का दावा करने वाले धीरेन्द्र शास्त्री में कई लोगों की आस्था है. जिससे चलते कई श्रद्धालु बाबा के धाम में अपने परेशानियों को दूर करने के लिए बाघेश्वर धाम आया करते हैं. इसी कड़ी में कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि एक 10 वर्षीय बच्ची को भी उसका परिवार इलाज के लिए लेकर आया. बच्ची को मिर्गी के दौरे पड़ा करते थे. लेकिन जब वह बाबा के धाम इलाज करवाने पहुंची तो उसकी मृत्यु हो गई.

ये है पूरा मामला

कई नामी मीडिया वेबसाइट्स के अनुसार, राजस्थान के बाड़मेर की रहने वाली विष्णु कुमारी को उसके पिता बुधराम, मां धम्मू देवी व मौसी गुड्डी 17 फरवरी को बाघेश्वर धाम इलाज के लिए लेकर आए थे. बच्ची के परिजनों ने बताया कि जब वह बच्ची को लेकर आए थे तब उसे मिर्गी की बीमारी थी. लड़की के पिता ने बताया है कि हमने धीरेंद्र शास्त्री बाबा के चमत्कारों के बारे में बहुत सुना था.इस पर विश्वास करके हम अपनी लड़की की बीमारी पर राहत पाने के लिए उसे यहां लाए थे.

धीरेन्द्र शास्त्री ने दी भभूति

मृतका की मामी बताती हैं कि वो डेढ़ साल से बाबा के धाम आ रही हैं. बच्ची को मिर्गी की समस्या थी इसलिए वह उसे भी बाघेश्वअर धाम लेकर आए थे. जब बच्ची यहां पहुंची तो बाबा धीरेन्द्र शास्त्री ने उसे भभूति दी और कहा था कि बच्ची शांत हो गई, इसे ले जाओ.

मिर्गी के दौरे लगातार आ रहे थे

मृतका के परिजनों ने बताया कि बच्ची को धाम आने के बाद से लगातार मिर्गी के दौरे आ रहे थे. वह रात भर भी जगी रही. दूसरे दिन जब दोपहर में 10 वर्षीय बच्ची की आंख लगी तो परिजनों को लगा कि बच्ची सो गई है, लेकिन जब कुछ समय बाद ही बच्ची ने किसी भी तरह की हलचल नहीं की तो उसके परिजन उसे आनन- फानन में जिला अस्पताल लेकर गए.डॉक्टरों ने वहाँ उसे मृत घोषित कर दिया. फिर बच्ची के परिजन मध्यप्रदेश से उसके शव को प्राइवेट एंबुलेंस में राजस्थान लेकर गए.

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