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Delhi Rains : दिल्ली में बदला मौसम का मिजाज़, जमकर बरसे बदरा

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आखिरकार वह दिन आ गया, जिसका लोग लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हैं. दरअसल, मॉनसून में कम बारिश की मार झेल रहे दिल्लीवासियों को शुक्रवार को तेज बारिश से राहत मिली है. राजधानी के कई इलाकों में शुक्रवार दोपहर को तेज बरसात हुई, जिसके बाद दिल्ली के कई […]

Heavy rains
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  • Last Updated: September 2, 2022 19:12:19 IST

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आखिरकार वह दिन आ गया, जिसका लोग लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हैं. दरअसल, मॉनसून में कम बारिश की मार झेल रहे दिल्लीवासियों को शुक्रवार को तेज बारिश से राहत मिली है. राजधानी के कई इलाकों में शुक्रवार दोपहर को तेज बरसात हुई, जिसके बाद दिल्ली के कई इलाकों में भीषण जाम लग गया है. शुक्रवार को शहादरा, आईटीओ और इंडिया गेट आदि इलाकों में तेज बारिश ने दस्तक दी.

बता दें बीते दिनों मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताई थी. IMD RWFC ने दोपहर 1.35 बजे ट्वीट किया था, ”इंडिया गेट, अक्षरधाम, नेहरू स्टेडियम, डिफेंस कॉलोनी, लाजपत नगर, हरियाणा के जींद, यूपी के सहारनपुर, देवबंद, मुजफ्फरनगर, खतौली और शिकारपुर में अगले दो घंटे में तेज बारिश होने की संभावना है.” और इसके कुछ देर बाद ही दिल्ली की सड़कों पर तेज बारिश हुई.

राजधानी में घटा तापमान

राजधानी में सुबह के समय गर्मी और ह्युमिडिटी देखने को मिली, जिसके बाद भारी बारिश से लोगों को काफी राहत मिली है. इसी के साथ दिल्ली का न्यूनतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, आज अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. दिन में ह्युमिडिटी 78 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी, इससे पहले, गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. बता दें कि दिल्ली में पिछले महीने (अगस्त) पिछले 14 सालों में सबसे कम 41.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.

राजधानी में पिछले साल अगस्त में 214.5 मिमी, वहीं साल 2020 में 237 मिमी और साल 2019 में 119.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. इस संबंध में स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (जलवायु परिवर्तन और मौसम विज्ञान) महेश पलावत ने कहा, “दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में तभी बारिश हुई, जब ट्रफ रेखा हिमालय की तलहटी में जाते हुए क्षेत्र के ऊपर से गुजरी.”

 

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