Inkhabar
  • होम
  • राज्य
  • इस शहर में पूरी तरह से प्लास्टिक पर लगी रोक, पानी की बोतल ले जाने की भी नहीं मिलेगी अनुमति

इस शहर में पूरी तरह से प्लास्टिक पर लगी रोक, पानी की बोतल ले जाने की भी नहीं मिलेगी अनुमति

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने नीलगिरी जिले में प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। अगर कोई पर्यटक प्लास्टिक की बोतल ले जाता पाया गया तो वाहन चालक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

ban on plastic, nilgiri news, tamil nadu
inkhbar News
  • Last Updated: February 5, 2025 13:33:22 IST

नई दिल्ली: पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने नीलगिरी जिले में प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। इस फैसले के बाद प्रशासन को पर्यटकों और स्थानीय लोगों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

कोर्ट ने लगाई फटकार

मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सतीश कुमार और न्यायमूर्ति भारत चक्रवर्ती की पीठ ने नीलगिरी जिला कलेक्टर लक्ष्मी भव्या थानीर को कड़ी फटकार लगाई। दरअसल जिला प्रशासन ने कोर्ट में नीलगिरी में 93 स्वचालित पेयजल केंद्रों के संचालन का दावा किया था, लेकिन कोर्ट ने इसे गलत करार दिया। जजों ने स्पष्ट किया कि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है और प्रशासन ने गलत जानकारी पेश की। इसके बाद कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो नीलगिरी में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया जा सकता है।

Plastic Bottle

प्लास्टिक ले जाने पर भारी जुर्माना

नीलगिरी जिला प्रशासन ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक की बोतलों और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं पर विशेष निगरानी रखने का निर्णय लिया है। अगर कोई पर्यटक प्लास्टिक की बोतल ले जाता पाया गया तो वाहन चालक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार उल्लंघन करने पर वाहन और लाइसेंस जब्त कर लिया जाएगा।

मशीनों में सिक्कों की जगह पत्थर

नीलगिरी प्रशासन ने बताया कि स्वचालित पेयजल एटीएम में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, जिससे उनके सुचारू संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है। कुछ लोग मशीनों में सिक्कों की जगह पत्थर या अन्य चीजें डाल देते हैं, जिससे वे बंद हो जाती हैं। प्रशासन अब डिजिटल पेमेंट और यूपीआई स्कैनिंग के जरिए इन मशीनों को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है।

ये भी पढ़ें: महाकुंभ भगदड़ से बाल-बाल बचकर लौटी महिलाओं ने सुनाई आपबीती, बोली- कभी कुंभ नहीं जाऊंगी