नई दिल्ली: पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने नीलगिरी जिले में प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। इस फैसले के बाद प्रशासन को पर्यटकों और स्थानीय लोगों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सतीश कुमार और न्यायमूर्ति भारत चक्रवर्ती की पीठ ने नीलगिरी जिला कलेक्टर लक्ष्मी भव्या थानीर को कड़ी फटकार लगाई। दरअसल जिला प्रशासन ने कोर्ट में नीलगिरी में 93 स्वचालित पेयजल केंद्रों के संचालन का दावा किया था, लेकिन कोर्ट ने इसे गलत करार दिया। जजों ने स्पष्ट किया कि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है और प्रशासन ने गलत जानकारी पेश की। इसके बाद कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो नीलगिरी में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया जा सकता है।
नीलगिरी जिला प्रशासन ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक की बोतलों और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं पर विशेष निगरानी रखने का निर्णय लिया है। अगर कोई पर्यटक प्लास्टिक की बोतल ले जाता पाया गया तो वाहन चालक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार उल्लंघन करने पर वाहन और लाइसेंस जब्त कर लिया जाएगा।
नीलगिरी प्रशासन ने बताया कि स्वचालित पेयजल एटीएम में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, जिससे उनके सुचारू संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है। कुछ लोग मशीनों में सिक्कों की जगह पत्थर या अन्य चीजें डाल देते हैं, जिससे वे बंद हो जाती हैं। प्रशासन अब डिजिटल पेमेंट और यूपीआई स्कैनिंग के जरिए इन मशीनों को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है।
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