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DELHI BUDGET : कल नहीं पेश होगा दिल्ली का बजट, इतिहास में होने वाला था ऐसा पहली बार

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में मंगलवार यानी 21 मार्च को बजट पेश नहीं होगा इसकी जानकारी सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर के दी. दिल्ली के सीएम केजरीवाल भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और कहा कि भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है कि दिल्ली में मंगलवार को बजट पेश होना था लेकिन उससे […]

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  • Last Updated: March 20, 2023 22:32:30 IST

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में मंगलवार यानी 21 मार्च को बजट पेश नहीं होगा इसकी जानकारी सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर के दी. दिल्ली के सीएम केजरीवाल भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और कहा कि भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है कि दिल्ली में मंगलवार को बजट पेश होना था लेकिन उससे पहले भाजापा ने इस पर रोक लगा दी है. केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट को लेकर कुछ जानकारियां मांगी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है.

केजरीवाल सरकार को लग सकता है झटका

दिल्ली की केजरीवाल सरकार को एक और बड़ा झटका लगने वाला है. दरअसल भाजपा जल्द ही आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने वाली है. भाजपा विधायक दल की बैठक में ये फैसला लिया गया है जहां कहा गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार में इस समय दो मंत्री जेल में बंद हैं. सरकार पर अनेक घोटालों का भी आरोप है जिनमें शराब घोटाला, हवाला घोटाला, जासूसी घोटाला, क्लास रूम घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड घोटाला, विज्ञापन घोटाला, बिजली सबसिडी घोटाला, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स घोटाला, डीटीसी घोटाला और अस्थाई अस्पताल घोटाला शामिल हैं. ऐसी स्थिति में केजरीवाल सरकार को दिल्ली के लोगों के लिए काम करने का कोई भी नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है. इसलिए भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. मीडिया से बात करते हुए प्रदेश प्रवक्ता श्री आदित्य झा उपस्थित रहे जिन्होंने इसका ऐलान किया था.

विधायकों के अधिकारों पर डाका

बिधूड़ी ने कहा कि 1994 में पहली विधानसभा का जो पहला बजट अधिवेशन हुआ था वह एक महीना 4 दिन तक के लिए चला था. उस दौरान 19 सिटिंग हुई थीं। आगे उन्होंने 1994 को लोकतंत्र का ऐतिहासिक दौर बताया आज के दौर को तानाशाही बताकर तंज भी खास. उनके शब्दों में आज के दौर में प्रश्नकाल तक नहीं रखे जा रहे हैं. भाजपा विधायकों की मांग है कि बजट अधिवेशन कम से कम 15 दिन का अवश्य होना चाहिए और प्रतिदिन प्रश्नकाल का प्रावधान किया जाए.