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ऐसे जाल में फंसे इंजीनियर और रिटायर्ड अफसर , इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगे 1.54 करोड़ रुपये

लखनऊ: साइबर अपराधियों के जाल में इंजीनियर और रिटायर अधिकारी बुरी तरह फंस गये. इन दोनों से निवेश के नाम पर 1.54 करोड़ रुपये की ठगी की गई. उन्हें पहले व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और फिर भारी मुनाफे का लालच दिया गया. दोनों मामलों की रिपोर्ट साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई गई है. […]

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  • Last Updated: September 27, 2024 12:31:44 IST

लखनऊ: साइबर अपराधियों के जाल में इंजीनियर और रिटायर अधिकारी बुरी तरह फंस गये. इन दोनों से निवेश के नाम पर 1.54 करोड़ रुपये की ठगी की गई. उन्हें पहले व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और फिर भारी मुनाफे का लालच दिया गया. दोनों मामलों की रिपोर्ट साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई गई है.

इंजीनियर अमित श्रीवास्तव

इंस्पेक्टर ब्रिजेश कुमार यादव ने बताया कि सीतापुर रोड स्थित एल्डिको इटर्निया अपार्टमेंट निवासी अमित कुमार श्रीवास्तव पेशे से इंजीनियर हैं. उनकी FIR के मुताबिक, 14 मई को करण बिड़ला नाम के शख्स ने उनसे निवेश के लिए HDFC सिक्योरिटीज वीआईपी मेंबरशिप ग्रुप में शामिल होने के लिए कहा था. 28 जून को ग्रुप (Vi 13 High Net Worth Stock Discussion) में जोड़ा गया. वहीं, PM HDFC नाम के ऐप को डाउनलोड करने के लिए एक लिंक दिया गया था. उन्होंने 3 जुलाई से उस ऐप पर निवेश करना शुरू किया. बड़ी रकम निवेश करने के बाद ऐप में 1.74 करोड़ रुपये दिखने लगे.

खाता फ्रीज कर दिया

जब मैंने यह रकम निकालने की कोशिश की तो कहा गया कि खाता फ्रीज कर दिया गया है. जब इस संबंध में ग्रुप में जानकारी मांगी गई तो राशि जारी करने के एवज में कई बार में लाखों रुपये जमा कराए गए. तभी ऐप क्रैश हो गया और उन्हें ग्रुप से हटा दिया गया. अमित के कुल 90 लाख रुपये ठगों ने पार कर दिए.

अमित कुमार श्रीवास्तव_

रिटायर्ड अफसर महेंद्र कुमार

एल्डिको उद्यान निवासी महेंद्र कुमार शर्मा ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से क्षेत्रीय प्रबंधक पद से रिटायर्ड हैं. उनकी एफआईआर के मुताबिक, उन्हें 20 अगस्त को व्हाट्सएप पर लिंक मिला था। जो अलंकित सिक्योरिटी नाम की कंपनी का था. कंपनी के MD अंकित अग्रवाल और असिस्टेंट मीरा ने निवेश के लिए कहा कि उन्होंने 33 लाख रुपये का निवेश किया. ऐप पर एक ही दिन में 21 लाख रुपये का मुनाफा दिखने लगा. लेकिन, राशि निकालने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. रकम जारी करने के लिए महेंद्र से कई बार में कुल 31 लाख रुपये और जमा कराए गए. फिर उन्हें ग्रुप से बाहर कर दिया गया. जो खा रहा था वह भी बंद हो गया.

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