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Joshimath Crisis : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने की नया जोशीमठ बसाने की मांग

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार पर जोशीमठ आपदा को गंभीरता से ना लेते हुए स्थानीय लोगों को मुश्किल में डालने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि जोशीमठ आपदा कोई सामान्य आपदा नहीं है। यह बड़ी आपदा है। सरकार की लापरवाही के चलते अब कभी भी […]

Harish Rawat
inkhbar News
  • Last Updated: January 11, 2023 09:31:48 IST

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार पर जोशीमठ आपदा को गंभीरता से ना लेते हुए स्थानीय लोगों को मुश्किल में डालने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि जोशीमठ आपदा कोई सामान्य आपदा नहीं है। यह बड़ी आपदा है। सरकार की लापरवाही के चलते अब कभी भी पूरा जोशीमठ तबाह हो सकता है, ऐसी स्थिति में प्रभावित क्षेत्र से सभी लोगों को हटा कर एक नया जोशीमठ बसाने की जरूरत है। हरीश रावत ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि आसपास की सरकारी जमीन में नए जोशीमठ को बसाए जाने की सख्त जरूरत है।

लोगों की जान माल की सुरक्षा पहले

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि लोगों की जान माल की सुरक्षा पहले जरूरी है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए, उनके रहने की खाने की व्यवस्था की जाए इसके अलावा उनके पुनर्वास और जोशीमठ को बचाने का काम तो बाद की बात है, उन्होंने कहा कि यह हालात सामान्य नहीं है, यह एक राष्ट्रीय आपदा है। उत्तराखंड सरकार को फिलहाल राज्य में केदार और बद्रीनाथ के साथ ही पूरे प्रदेश में हो रहे तमाम निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए।

प्रशासन ने आपदा को गंभीरता से नहीं लिया

रावत ने सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि सरकार ने जोशीमठ को केवल जिलाधिकारी के भरोसे छोड़ दिया है। देहरादून में मुख्यमंत्री के साथ बैठक होने के बाद आपदा प्रबंधन सचिव के बाद सीएम यहां पहुंचे, प्रशासन ने जोशीमठ की आपदा को गंभीरता से नहीं लिया, मुख्यमंत्री के अलावा केंद्र सरकार भी इस मसले पर झपकी ले रही है। मुख्यमंत्री को यहां जनता के बीच कैंप लगाना चाहिए था।

इसके अलावा रावत ने सरकार से सभी पीड़ितों को 50 हजार की धनराशि सहायता के रूप में देने के लिए कहा है, साथ ही सीएम सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दे कि तब तक वह यहां से ना जाए, जब तक सभी लोगों का विस्थापन ना हो जाए।