गांधीनगर : गुजरात के बनासकांठा जिले में दलित वकील मुकेश पारेचा ने घोड़ी पर बैठकर अपनी बारात निकाली। इलाके में दलित परिवार में घोड़ी चढ़ने का यह पहला मौका था। इस बारात की सुरक्षा के लिए 145 पुलिसकर्मी मौजूद थे। बाद में वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ पुलिस अधिकारियों ने दूल्हे की गाड़ी चलाई। हालांकि, जब वह घोड़ी से उतरकर गाड़ी पर चढ़ा तो किसी ने उसकी गाड़ी पर पत्थर फेंका। दूल्हे पारेचा ने कहा कि वह एक-दो दिन में इसकी शिकायत करेगा।
बनासकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव में गुरुवार को एक अनोखी शादी देखने को मिली। यह शादी आम शादियों से बिल्कुल अलग थी। दूल्हा मुकेश पारेचा अपनी शादी में घोड़ी चढ़ने की रस्म निभाना चाहता था। इलाके के दबंगों ने दलितों की घोड़ी चढ़ने पर रोक लगा दी थी। पारेचा ने इस रस्म के लिए स्थानीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और पुलिस से सुरक्षा मांगी।
22 जनवरी को उन्होंने बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन दिया। आवेदन में पारेचा ने कहा कि उनके गांव में दलित कभी घोड़चढ़ी या वरघोड़ा नहीं निकालते। मैं पहला व्यक्ति हूं जो वरघोड़ा निकालता हूं, जिसमें कुछ अनहोनी होने की संभावना अधिक होती है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।
पुलिस ने उनकी बारात की सुरक्षा के लिए 145 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। जिग्नेश मेवाणी खुद भी पुलिस अधिकारियों के साथ बारात में शामिल हुए। बनासकांठा जिला न्यायालय में वकालत करने वाले पारेचा ने कहा कि उनकी बारात पुलिस सुरक्षा के बीच निकली। जब वे घोड़े पर सवार थे, तब कुछ नहीं हुआ। लेकिन जब वे घोड़े से उतरकर अपनी कार में बैठे, तो किसी ने उनकी कार पर पत्थर फेंका। तब पुलिस इंस्पेक्टर केएम वसावा ने खुद स्टीयरिंग संभाली। उनके साथ कार में वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी भी मौजूद थे।
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