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64 साल पहले घर से भाग गया था जोड़ा, अब 80 साल की उम्र में फिर से बने दूल्हा-दुल्हन…बुजुर्ग जोड़े की अनोखी प्रेम कहानी

हर्ष और मृदु की मुलाकात स्कूल के दिनों में हुई. हर्ष जैन थे. जबकि मृदु ब्राह्मण. उस दौर में अंतरजातीय विवाह को समाज में स्वीकार नहीं किया जाता था. चिट्ठियों से शुरू हुआ उनका प्यार धीरे-धीरे परवान चढ़ा. नाती-पोतियों ने हर्ष और मृदु की 64वीं सालगिरह को यादगार बनाने के लिए एक सरप्राइज शादी का आयोजन किया.

Gujarat elderly couple marriage
inkhbar News
  • Last Updated: March 26, 2025 22:15:45 IST

Elderly Couple: गुजरात का एक बुजुर्ग जोड़ा हर्ष और मृदु इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. वजह है उनकी 80 साल की उम्र में दोबारा शादी. यह अनोखी प्रेम कहानी 1961 से शुरू हुई. जब दोनों ने समाज की बंदिशों को तोड़कर घर छोड़ा और प्यार को चुना. 64 साल बाद उनके परिवार ने उनकी 64वीं सालगिरह पर हिंदू रीति-रिवाजों से फिर से शादी करवाकर इस जोड़े को सम्मान दिया.

कैसे शुरू हुआ प्यार

हर्ष और मृदु की मुलाकात स्कूल के दिनों में हुई. हर्ष जैन थे. जबकि मृदु ब्राह्मण. उस दौर में अंतरजातीय विवाह को समाज में स्वीकार नहीं किया जाता था. चिट्ठियों से शुरू हुआ उनका प्यार धीरे-धीरे परवान चढ़ा. लेकिन जब मृदु के परिवार को यह बात पता चली तो उन्होंने सख्त विरोध किया.

बगावत और नई जिंदगी

हर्ष और मृदु ने परिवार की मर्जी के खिलाफ घर छोड़ दिया और शादी कर ली. बिना किसी सहारे के उन्होंने नई जिंदगी की शुरुआत की. यह उनके साहस और प्रेम की ताकत का प्रतीक था. समय के साथ दोनों ने एक खुशहाल परिवार बनाया. जिसमें बच्चे और नाती-पोते शामिल हुए. उनकी कहानी संघर्ष और प्यार की जीत का जीवंत उदाहरण बन गई.

सरप्राइज शादी का आयोजन

नाती-पोतियों ने हर्ष और मृदु की 64वीं सालगिरह को यादगार बनाने के लिए एक सरप्राइज शादी का आयोजन किया. इस समारोह में अग्नि के चारों ओर सात फेरे लिए गए. मृदु ने गुजराती घरचोला साड़ी पहनी तो हर्ष खादी कुर्ता-पजामा और पगड़ी में नजर आए. लाल साड़ी पहनकर दुल्हन बनीं मृदु ने वरमाला डाली तो हर्ष उन्हें देखते ही रह गए. परिवार ने इस पल को खुशी से सेलिब्रेट किया.

80 की उम्र में भी हर्ष और मृदु का प्यार पहले दिन जैसा ही मजबूत है. यह शादी सिर्फ उनकी सालगिरह का जश्न नहीं बल्कि उनके अटूट विश्वास और समाज की दीवारों को तोड़ने की जीत थी. उनकी कहानी आज भी लोगों को प्रेरित कर रही है.

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