Inkhabar
  • होम
  • राज्य
  • हिमाचल जाना अब होगा और भी आसान, इन शहरों से मिलेगी धर्मशाला की डायरेक्ट फ्लाइट्स

हिमाचल जाना अब होगा और भी आसान, इन शहरों से मिलेगी धर्मशाला की डायरेक्ट फ्लाइट्स

हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी कहा जाने वाला धर्मशाला, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. बता दें कांगड़ा जिले में स्थित गग्गल एयरपोर्ट के निदेशक ने जानकारी दी कि यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है।

Dharamshala Airport, Gaggal Airport
inkhbar News
  • Last Updated: January 6, 2025 09:11:31 IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी कहा जाने वाला धर्मशाला, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. वहीं अब हिमाचल जाने का सपना देखने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें गग्गल एयरपोर्ट से नई हवाई सेवाएं शुरू होने जा रही हैं, जो धर्मशाला को नोएडा, जयपुर और देहरादून से जोड़ेंगी। इन नई उड़ानों का संचालन 30 मार्च 2025 से आरंभ होगा।

तीन नए रूट होंगे शुरू

कांगड़ा जिले में स्थित गग्गल एयरपोर्ट के निदेशक ने जानकारी दी कि यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है। इस विस्तार के तहत नोएडा, जयपुर और देहरादून के लिए सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी। इसके अलावा, जेवर एयरपोर्ट से भी उड़ानों के संचालन की योजना बनाई गई है, जो अप्रैल 2025 तक शुरू होने की संभावना है।

परिचालन में होगा बड़ा बदलाव

गग्गल एयरपोर्ट पर फिलहाल हर दिन छह उड़ानें संचालित होती हैं, लेकिन नई सेवाओं के जुड़ने के बाद गर्मियों के दौरान उड़ानों की संख्या बढ़कर 10 हो सकती है। एयरपोर्ट पर अब दो शिफ्टों में उड़ानों का संचालन किया जाएगा, जिससे सूर्योदय से सूर्यास्त तक उड़ानें संभव होंगी। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का कार्य जारी है।

बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा

धर्मशाला को अमृतसर और बोधगया जैसे प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों से जोड़ने की लंबे समय से मांग की जा रही है। हाल ही में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने भी गग्गल एयरपोर्ट को अन्य बौद्ध स्थलों से जोड़ने का सुझाव दिया था। इस नई पहल से पर्यटन और धार्मिक यात्राओं को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। बता दें गग्गल एयरपोर्ट का विस्तार और नई उड़ानों का संचालन न केवल पर्यटकों के लिए धर्मशाला की यात्रा को सरल बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में भी सहायक होगा।

ये भी पढ़ें: पटना में जमीन के अंदर से मिला 500 साल पुराना शिव मंदिर, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

Tags