कानपुर। पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या पति की मौत से अब तक सदमे में है। तेज गाड़ी और टायर फटने तक की आवाज से ऐशन्या चीख पड़ती है। उसने एक बार फिर से सरकार से गुहार लगाई है कि उनलोगों को नौकरी या मुआवजा नहीं चाहिए बस उनके पति को शहीद का दर्जा दिया जाए। साथ ही उसने ये भी कहा कि भारत में ही हिंदू होकर वो अनाथ रह गई।
गुरुवार को ऐशन्या ने कहा कि वह नौकरी या मुआवजा नहीं मांग रही हैं बल्कि सिर्फ यह चाहती हैं कि उनके पति को शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि न तो शुभम को शहीद का दर्जा दिया गया है और न ही सरकार ने हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकियों को मारा है। मुझे नौकरी या पैसा नहीं चाहिए। मुझे तो बस अपने शुभम के लिए शहीद का दर्जा चाहिए। मैं इस दर्द को जिंदगी भर सहूंगी। हिंदू मुसलमान है। पहले नहीं मानती थी लेकिन अब वो मानती हैं कि हिन्दू मुस्लिम एक नहीं होते।अगर वह मुसलमान होती तो उसका पति आज जिंदा होता और वह अपने घर के अंदर होती। उसे सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह हिंदू थी।
ऐशन्या अब बाहर जाने से भी डरती है। वह कहती है कि मैंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया है, जहां मैं घंटों शुभम की तस्वीर और हमले के दौरान पहनी गई शर्ट को देखती रहती हूं। यहां तक कि फटा हुआ टायर या तेज आवाज भी मुझे कांपने पर मजबूर कर देती है। पहलगाम हमले के बाद से ही ऐशन्या सदमे में है। आपको बता दें कि बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुभम के परिवार से मुलाकात की थी।