इंफाल : मणिपुर इस समय जातीय हिंसा से झुलस रहा है. आरक्षण के मुद्दे को लेकर कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा हो रही है. इस हिंसा में 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों घर जला दिए गए है. हिंसा को देखते हुए सरकार इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी बढ़ा दी है. राज्य में अब 20 जुलाई तक दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाओं ठप रहेगी. गृह आयुक्त टी रणजीत सिंह ने कहा कि पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर देने के बाद प्रदेश में और हिंसा भड़क सकती है.
गृह आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में डीजीपी की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद इंटरनेट सेवाओं को ठप करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया तो प्रदेश में झूठी अफवाहों का प्रचार-प्रसार होगा जिससे हिंसा भड़कने की संभावना है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं को बंद रखने का फैसला एक तरफा पारित किया जा रहा है. इस हिंसा को लेकर प्रदेश के सीएम बीरेन सिंह ने कहा था कि अंतराष्ट्रीय साजिश के तहत यहां हिंसा हो रही है.
सीएम ने कहा था कि मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर केंद्र और और राज्य सरकार द्वारा लगातार स्थिति को सामान्य करने की कोशिश हो रही है. केंद्र सरकार की ओर से 40 से ज्यादा कंपनियां यहां आ चुकी है. इसके अलावा खाद्य सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में है. साथ ही मुख्यमंत्री ने हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश होने की आशंका जताई है. मणिपुर में जारी हिंसा के पीछे किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन की भूमिका होने के सवाल पर बीरेन सिंह ने कहा था कि हमारा राज्य म्यांमार का पड़ोसी है, पास में चीन भी है. हमारी करीब 398 किलोमीटर की सीमाएं बिना किसी सुरक्षा के है. भारतीय सुरक्षा बल की वहां मौजूदगी तो है लेकिन इतने बड़े क्षेत्र की सुरक्षा नहीं की जा सकती है. लेकिन आज जो मणिपुर में हो रहा है कि हम न तो किसी साजिश से इनकार कर सकते हैं और न दृढ़ता से किसी बात की पुष्टि कर सकते हैं.
बता दें कि, मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच बीते 3 मई से हिंसा जारी है. हिंसक झड़पों में अब तक 120 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इसके साथ ही 50 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के खिलाफ 2 मई को कुकी समुदाय ने पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किया था. इसी दौरान दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए थे.