रांची: झारखंड के प्रवासी मजदूरों के विदेश में फंसे होने का मामला एक बार फिर सामने आया है। इस बार फिर अफ्रीका के कैमरून में झारखंड के 47 प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। इनमें बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग जिले के मजदूर शामिल हैं। आपको बता दें कि कैमरून में झारखंड के 47 प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। पिछले 4 महीने से इन मजदूरों को कंपनी की ओर से वेतन नहीं दी जा रही है। इस कारण मजदूरों के सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है।

मजदूर घटनाओं से सबक नहीं ले रहे

मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर सरकार से देश वापसी की गुहार लगाई है। प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए ठोस कूटनीतिक पहल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार प्रवासी मजदूर अधिक पैसे कमाने के लालच में विदेश जाकर फंस चुके हैं। इससे पहले कैमरून से कड़ी मशक्कत के बाद 27 मजदूरों को वतन वापस भेजा गया था। इसके बावजूद प्रवासी मजदूर पुरानी घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं।

सरकार रोजगार की व्यवस्था करें

सरकार को मजदूरों का पलायन रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है। मजदूरों के परिजनों को जब इस बात की जानकारी मिली तो वे काफी परेशान नजर आ रहे हैं। वे प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वे अपने परिजनों की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी कई मौकों पर झारखंड के मजदूर विदेश में फंस चुके हैं।

 

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