Inkhabar
  • होम
  • राज्य
  • कर्नाटक: पांचों गारंटी लागू करने में खाली हुआ कांग्रेस का खजाना, शिवकुमार बोले नहीं बचा पैसा

कर्नाटक: पांचों गारंटी लागू करने में खाली हुआ कांग्रेस का खजाना, शिवकुमार बोले नहीं बचा पैसा

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने राज्य में सत्ता तो पा ली लेकिन चुनावी वादों के तौर पर जनता को की गई पांच गारंटियां अब उसे महंगी पड़ रही हैं. दरअसल खबरों की मानें तो कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बताया है कि कांग्रेस सरकार […]

Inkhabar
inkhbar News
  • Last Updated: July 28, 2023 08:55:58 IST

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने राज्य में सत्ता तो पा ली लेकिन चुनावी वादों के तौर पर जनता को की गई पांच गारंटियां अब उसे महंगी पड़ रही हैं. दरअसल खबरों की मानें तो कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बताया है कि कांग्रेस सरकार इस साल अधिक कार्य नहीं कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता चुनाव पूर्व गांरटी को लागू करना है.

विधायक नाराज?

दूसरी ओर राज्य में कांग्रेस की सरकार को बने अभी कुछ ही महीनों का समय बीता है और विधायकों में अपनी ही सरकार से नाराजगी की खबरें सामने आने लगी हैं. इसी क्रम में कांग्रेस के 11 विधायकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक पत्र लिखा. इस पत्र में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धन का आवंटन न होने की बात बताई है. इसपर डिप्टी सीएम शिवकुमार ने भी सफाई दी है और विधायकों द्वारा पत्र लिखे जाने की बात को फ़र्ज़ी बताया है. हालांकि उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार के पास इस साल कई नई विकास परियोजनाओं के लिए पैसे नहीं बचे हैं. कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए अलग धन रखा हुआ है.

बजट पेश करते हुए सीएम ने कहा ये

वहीं डिप्टी सीएम ने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र की बात को फ़र्ज़ी बताया है. उन्होंने आगे कहा कि विधायकों को सरकार की स्थिति के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी. इससे पहले शिवकुमार ने कहा था कि सीएम सिद्धारमैया ने पहले ही अपने बजट भाषण के दौरान सभी विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी थी. उपमुख्यमंत्री के अनुसार सीएम सिद्धारमैया की ओर से सभी विधायकों को फंड के लिए इंतज़ार करने के लिए कहा गया है. क्योंकि अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने इस साल पूरे पैसे का काफी बड़ा भाग खर्च कर दिया है.