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Gola Gokarnnath: गोला गोकर्णनाथ की लड़ाई प्रतिष्ठा पर आई, क्या कहते हैं इतिहास और समीकरण

लखनऊ. इस समय देश की सात सीटों पर उपचुनाव होना है, कल इन सभी सीटों पर उपचुनाव होना है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ सीट पर भाजपा और सपा में सीधी लड़ाई है. दरअसल, यहाँ से कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा ने अपने उम्मीदवार उतारे ही नहीं, […]

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  • Last Updated: November 2, 2022 19:26:33 IST

लखनऊ. इस समय देश की सात सीटों पर उपचुनाव होना है, कल इन सभी सीटों पर उपचुनाव होना है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ सीट पर भाजपा और सपा में सीधी लड़ाई है. दरअसल, यहाँ से कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा ने अपने उम्मीदवार उतारे ही नहीं, जिसके चलते यहाँ सपा और भाजपा में सीधी टक्कर है. उत्तर प्रदेश विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद साल 2012 में गोला गोकर्णनाथ सीट अस्तित्व में आई और छह सितंबर को भाजपा विधायक अरविंद गिरि के निधन के कारण ये सीट खाली हो गई, अब इस सीट पर उपचुनाव होना है. इस उपचुनाव को जीतना भाजपा और सपा दोनों के लिए काफी अहम है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत कर जीत हासिल कर चुकी भाजपा ये कतई नहीं चाहेगी कि उसे उपचुनाव में हार का सामना करना पड़े, वहीं विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब सपा को कोई भी हार गंवारा नहीं है.

गोला गोकर्णनाथ सीट का इतिहास

साल 2012 में गोला गोकर्णनाथ सीट अस्तित्व में आई थी और तब यहाँ पहली बार चुनाव हुआ था, क्षेत्र में पहले विधानसभा चुनाव के दौरान विनय तिवारी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से पहले विधायक होने का श्रेय हासिल किया, इस चुनाव में विनय तिवारी ने अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी बसपा की सिम्मी बानो को 19,329 मतों के अंतर से हराया था, उस समय कांग्रेस के टिकट पर अरविंद गिरि ने चुनाव लड़ा था और तब वह तीसरे स्थान पर थे.

साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद गिरि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए और मोदी-लहर और अपने जमीनी समर्थन के बल पर उन्होंने सपा उम्मीदवार विनय तिवारी को 55,017 मतों के प्रचंड अंतर से हराया, उन्होंने उसी विनय तिवारी को हराया जिनसे वो एक बार करारी शिकस्त पा चुके थे. गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 2022 के चुनाव में भाजपा ने अपनी ये सीट बरकरार रखी और अरविंद गिरि ने फिर से जीत हासिल की थी.

क्या हैं यहाँ के मुख्य मुद्दे

इस समय गोला गोर्कणनाथ सीट काफी चर्चा में है, और चुनाव के लिए यहाँ के जो मुख्य मुद्दे हैं वो हैं- गन्ना बकाया, फसल खरीद, बाढ़ आदि सहित किसानों से संबंधित मुद्दे. ऐसे में अगर इतिहास को देखें तो पहले धान की फसल खराब होने को लेकर अरविंद गिरि कुछ साल पहले कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए थे. योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव प्रचार के दौरान सोमवार को गन्ना किसानों को आश्वासन दिया कि नया सत्र शुरू होने से पहले उनका गन्ना बकाया चुका दिया जाएगा और सरकार भुगतान न करने के मामले में चीनी इकाई प्रबंधकों को सलाखों के पीछे डालने में बिलकुल भी पीछे नहीं हटेगी.

अखिलेश ने नहीं किया उपचुनाव के लिए प्रचार

इस उपचुनाव के लिए भाजपा के कई दिग्गज नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं, इसी कड़ी में सपा ने भी अपने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा, पूर्व मंत्रियों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों सहित अपने 39 प्रचारकों को भेजा है, जो अपने पक्ष में मतदाताओं को लुभाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार अभियान चला रहे हैं, हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव के लिए प्रचार करने से साफ़ मना कर दिया, सपा उम्मीदवार विनय तिवारी ने इससे पहले 2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और यहाँ से जीत भी हासिल की थी, गौरतलब है साल 2012 में तत्कालीन हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त करने के बाद गोला निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया गया था.

साल 2012 से पहले, खीरी जिले में सात विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदी, हैदराबाद, पैला, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा थे, हालांकि साल 2012 में परिसीमन के बाद मोहम्मदी, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा सीटों को बरकरार रखा गया था और तीन नए निर्वाचन क्षेत्रों-कस्ता, पलिया और गोला गोकर्णनाथ को जोड़ा गया था और ऐसे ही खीरी जिले में अब आठ निरकाचन क्षेत्र हो गए हैं.’

 

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