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हिंदुओं के बारे में बोलने में शर्म आती है, RSS को बैन करने की मांग, भगवा पर क्या लगेगी रोक?

महाराष्ट्र चुनाव से पहले ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने की बात कही है, लेकिन उन्होंने अपनी शर्तों की सूची भी दी है. आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है. उलेमा बोर्ड के विचारों को एमवीए और शरद पवार ने स्वीकार किया। इनमें 10 फीसदी आरक्षण और आरएसएस पर प्रतिबंध शामिल है। ऐसे में शरद पवार ने वोट जिहाद जैसी बातें फैलाईं.

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  • Last Updated: November 17, 2024 16:02:25 IST

मुंबई: महाराष्ट्र चुनाव से पहले ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने की बात कही है, लेकिन उन्होंने अपनी शर्तों की सूची भी दी है. आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है, जिसके बाद राज्य में सियासत तेज हो गई है. अब इस पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने पलटवार किया है.

 

संघ का समर्थन किया

 

वहीं बीजेपी के नेता किरीट सोमैया ने कहा, ”क्या शरद पवार को हिंदुओं के बारे में बोलने में शर्म आती है या उन्हें डर लगता है? मौलाना खलीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी जैसा बयान कोई नहीं देता कि अगर कोई हिंदू बीजेपी के खिलाफ वोट करे तो उसका सामाजिक बहिष्कार करो और उसका नाम अब्दुल रहमान रख दो. हिंदुत्व में ऐसी कोई भाषा नहीं है. उन्होंने कहा, “शरद पवार ने ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड और मराठी मुस्लिम सेवा संघ का समर्थन किया है। उलेमा बोर्ड के विचारों को एमवीए और शरद पवार ने स्वीकार किया। इनमें 10 फीसदी आरक्षण और आरएसएस पर प्रतिबंध शामिल है। ऐसे में शरद पवार ने वोट जिहाद जैसी बातें फैलाईं.

 

कटाक्ष किया था

 

राहुल गांधी, सलमान खुर्शीद का परिवार वोट जिहाद फैलाता है, उन्हें शर्म आनी चाहिए। आपको बता दें कि एनसीपी एसपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वोट जिहाद को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा, वह अपने सहयोगियों के साथ ‘वोट जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल कर धार्मिक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

 

17 शर्तें भी रखी

 

वहीं, 7 नवंबर को उलेमा बोर्ड ने एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को पत्र लिखकर कहा था कि अगर एमवीए उनकी मांगें मान लेती है तो वह इसके लिए अभियान चलाएंगे. बोर्ड ने 17 शर्तें भी रखी हैं, जिनमें मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देने, आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने जैसी मांगें शामिल हैं.

 

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