नई दिल्ली: महाराष्ट्र के बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन से अलग होकर बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी अब 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है और इसके लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने यह भी कहा है कि महाविकास अघाड़ी में समन्वय की कमी है।
उद्धव गुट अकेले लड़ेगी चुनाव
समाजवादी पार्टी के इस फैसले से पहले ही शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने यह स्पष्ट किया था कि वह बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी। इसके परिणामस्वरूप, कांग्रेस और एनसीपी अब इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी के दो प्रमुख दलों के रूप में रह गए हैं। अबू आजमी ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी अच्छे उम्मीदवारों को टिकट देगी और चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया गया है।
1997 से लेकर 2022 तक शिवसेना का कब्जा
बीएमसी पर 1997 से लेकर 2022 तक शिवसेना का लगातार कब्जा रहा था। पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त हो गया था। बीएमसी में कुल 227 सीटें हैं और सत्ताधारी महायुति गठबंधन इन सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेगा। इसमें अधिकतर सीटें एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना और बीजेपी के खाते में जा सकती हैं, जबकि एनसीपी को कुछ कम सीटें मिल सकती हैं। बीएमसी चुनाव में असली मुकाबला उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के बीच होगा। दोनों गुटों के बीच टक्कर पहले से ही दिलचस्प होगी, क्योंकि दोनों ने 25 वर्षों तक बीएमसी पर एकजुट होकर कब्जा किया था। हालांकि, इस विवाद का फायदा अन्य दलों को भी मिल सकता है।
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