लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर विवाद हो रहा है। विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमलावर है। योगी इसे लेकर चौतरफा घिर गए हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर निर्ममता से मारने का आरोप लगाया है तो विपक्ष का कहना है कि बीजेपी सरकार ने जाति देखकर मंगेश का मर्डर कराया। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि जाति देखकर गोली मारी गई।

अब तक 12,500 से ज्यादा मुठभेड़

सीएम योगी 19 मार्च, 2017 को प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। तबसे लेकर अभी तक यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच 12,500 से ज्यादा मुठभेड़ हो चुकी है। इस एनकाउंटर में अब तक 207 आरोपी मारे जा चुके हैं। 6500 से अधिक घायल हुए। सबसे ज्यादा मेरठ जोन के 66 क्रिमिनल मुठभेड़ में मारे गए। वाराणसी जोन में 21 और आगरा जोन में 16 आरोपियों की मुठभेड़ में चली गई।

सबसे ज्यादा मारे जा चुके ब्राह्मण

पुलिस एनकाउंटर में सबसे 207 में से 67 मुस्लिम, 3 सिख और बाकी सभी हिन्दू धर्म के हैं। वहीं अगर जाति की बात करें तो सबसे ज्यादा ब्राह्मण- 20, ठाकुर-18, यादव-16, जाट और गुर्जर-17, दलित-14, अनुसूचित जाति के 3 आरोपी मुठभेड़ में मारे गए हैं। पूर्व DGP ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि पुलिस जाति-धर्म नहीं बल्कि अपराध देखती है। पहला प्रयास गिरफ्तार करना ही होता है। पिछले 7 सालों में 67 मुस्लिम और 130 हिंदू अपराधी मारे गए हैं।

 

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