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इंदौर में व्यापारियों ने चलाई मुहिम, UPI का किया विरोध, कहा बस कैश ही लेंगे

मध्य प्रदेश के इंदौर में व्यापारियों ने UPI पेमेंट लेने से इनकार कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि साइबर फ्रॉड और पुलिस द्वारा अकाउंट सीज किए जाने की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया है। इस मामले में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जैसे ही साइबर फ्रॉड की शिकायत आती है, प्रशासन तुरंत कार्रवाई करता है।

Traders launched campaign in Indore, protested against UPI, said they will only take cash
inkhbar News
  • Last Updated: December 28, 2024 09:45:46 IST

भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर में व्यापारियों ने UPI पेमेंट लेने से इनकार कर दिया है। वहीं ग्राहकों को इस निर्णय की जानकारी देने के लिए दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों पर पोस्टर लगा रहे हैं। इस फैसले से ग्राहक परेशान हो रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि साइबर फ्रॉड और पुलिस द्वारा अकाउंट सीज किए जाने की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया है।

सिर्फ लेंगे कैश पेमेंट

व्यापारियों के मुताबिक, बदमाश यूपीआई के जरिए एक अकाउंट से पैसा लेकर दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करते हैं और फिर उन्हीं पैसों से उनकी दुकान पर खरीदारी करते हैं। वहीं जब जांच होती है, तो व्यापारी का अकाउंट भी संदिग्ध मानकर सीज कर दिया जाता है। इससे न केवल उनका पैसा फंस जाता है, बल्कि अकाउंट खुलवाने में महीनों लग जाते हैं। इस समस्या से परेशान होकर राजवाड़ा व्यापारी एसोसिएशन ने यूपीआई पेमेंट बंद करने का निर्णय लिया है।

cash payment

अब इंदौर के व्यापारी केवल कैश और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट लेंगे। व्यापारियों का कहना है कि यूपीआई पेमेंट के कारण कई व्यापारियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा है। जब पुलिस जांच में ग्राहक दोषी साबित होता है, तो व्यापारी भी उस झमेले में फंस जाते हैं।

समस्या का निकाला जाएगा समाधान

इस मामले में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जैसे ही साइबर फ्रॉड की शिकायत आती है, प्रशासन तुरंत कार्रवाई करता है। उन्होंने कहा, “डिजिटल इकोनॉमी आज के समय में बेहद जरूरी है। अगर व्यापारियों को किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो उसे दूर किया जाएगा।” उन्होंने व्यापारियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों के संदर्भ में कहा कि एक टीम बनाकर उनसे बातचीत की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा। कलेक्टर ने उम्मीद जताई कि व्यापारियों की समस्याओं को समझकर समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना समय की मांग है। अब देखना होगा कि बातचीत के बाद व्यापारी अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगे या नहीं।

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