नई दिल्लीः आज नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। समारोह में सैनी समेत 13 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। मार्च में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के सीएम पद छोड़ने के बाद नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के सीएम बने थे। हरियाणा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत का श्रेय नायब सिंह सैनी को भी जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि नायब सिंह सैनी का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर कैसा रहा और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ उनके कैसे रिश्ते रहे हैं।

मनोहर लाल खट्टर के साथ सफर करते थे सैनी

54 साल के सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं। हरियाणा के सीएम सैनी 25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिजापुर में जन्मे थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि कभी सैनी 1996 बीजेपी के राज्य मुख्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर हुआ करते थे। सैनी कंप्यूटर ऑपरेटर से राज्य के मुख्यमंत्री बनने तक का सफर काफी दिलचस्प है। नायब सिंह सैनी ने बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से बीए और एलएलबी की है।

पढ़ाई पूरी करने के बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए। यहां उनकी मुलाकात मनोहर लाल खट्टर से हुई, जिन्होंने उनके राजनीतिक सफर में बड़ी भूमिका निभाई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संगठन के दिनों में नायब सिंह सैनी और मनोहर लाल खट्टर अक्सर बीजेपी से जुड़े कामों के लिए एक साथ कार में सफर करते थे। यह कार नायब सिंह सैनी की थी। सैनी इसे खुद ड्राइव करते थे। उस समय नायब सिंह सैनी मनोहर लाल खट्टर के सहायक हुआ करते थे।

विधायक से बने मुख्यमंत्री

हरियाणा की राजनीति में नायब सिंह सैनी ने बड़ा बदलाव लाया है। सैनी 2014 से 2019 तक खट्टर सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2019 में उन्होंने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से जीत हासिल की। मार्च में खट्टर के विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद हुए उपचुनाव में सैनी ने यह सीट जीती थी। हालांकि, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र के लाडवा से टिकट दिया, जहां से वे जीत गए और उन्हें फिर से विधायक दल का नेता चुना गया।

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