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Rajasthan Election 2023: राजस्थान की सियासत में जाट और SC-ST का दबदबा, जानें जातीय समीकरण

नई दिल्ली। राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल दो स्तर पर चुनाव लड़ रहे हैं। एक मुद्दों के आधार पर और दूसरा जाति पर। ज्यादातर राजनीतिक दल जातिगत समीकरण को देखते हुए ही अपने प्रत्याशी उतार रहे हैं। दरअसल, राजस्थान में जाति फैक्टर बहुत बड़ा है और यह कई विधानसभा सीटों […]

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  • Last Updated: November 9, 2023 11:56:09 IST

नई दिल्ली। राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल दो स्तर पर चुनाव लड़ रहे हैं। एक मुद्दों के आधार पर और दूसरा जाति पर। ज्यादातर राजनीतिक दल जातिगत समीकरण को देखते हुए ही अपने प्रत्याशी उतार रहे हैं। दरअसल, राजस्थान में जाति फैक्टर बहुत बड़ा है और यह कई विधानसभा सीटों पर नतीजों को प्रभावित भी करता है।

क्या हैं राजनीतिक समीकरण?

बात चाहे भाजपा की हो या फिर कांग्रेस की, दोनों ही पार्टियों ने टिकट देते वक्त जातिगत समीकरण का काफी ध्यान रखा है। जिस सीट पर जिस जाति का दबदबा है, वहां उसी वर्ग के उम्मीदवार को तवज्जो दी गई है। आइए जानते हैं दोनों पार्टियों की स्थिति और किसने किस जाति को ज्यादा महत्व दिया है। राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं और यहां सबसे अधिक जाट और एससी-एसटी का दबदबा रहा है। इसके बाद यहां राजपूतों का नंबर आता है। कांग्रेस और भाजपा ने इसे ध्यान में रखते हुए टिकट बांटे हैं।

किस जाति के कितने उम्मीदवार

बता दें कि भाजपा और कांग्रेस ने सभी 200 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने जाट समाज से 36 उम्मीदवारों को मौका दिया है, जबकि भाजपा ने 33 को टिकट दिया है। अगर बात करें SC वर्ग की तो कांग्रेस ने 34 सीटों पर इन्हें उतारा है, तो भाजपा ने भी इतने ही एससी प्रत्याशियों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 33 ST प्रत्याशियों को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने 30 को मौका दिया है।

बीजेपी से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं

कांग्रेस ने 17 सीटों पर राजपूत प्रत्याशी उतारा है, तो वहीं भाजपा ने 25 राजपूत उम्मीदवारों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 16 ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे हैं, तो बीजेपी ने 20 ब्राह्मणों को चुनावी मैदान में उतारा है। बनिया समाज से 11 प्रत्याशी कांग्रेस ने उतारे हैं तो भाजपा ने भी इतने ही प्रत्याशियों को मौका दिया है। कांग्रेस की लिस्ट में 15 मुस्लिम उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है। कांग्रेस ने 11 गुर्जरों को मैदान में उतारा है तो भाजपा ने 10 को। अगर माली समाज की बात करें तो कांग्रेस ने 4 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि बाजपा ने 3 को।