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राम जन्भूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल नहीं रहे, 68 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

पूर्व बिहार विधान परिषद के सदस्य कामेश्वर चौपाल लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। बता दें कि कामेश्वर चौपाल पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।

Kameshwar Chaupal passed away
inkhbar News
  • Last Updated: February 7, 2025 09:46:24 IST

नई दिल्ली: पूर्व बिहार विधान परिषद के सदस्य कामेश्वर चौपाल लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। बता दें कि कामेश्वर चौपाल पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। इसी कारण उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कामेश्वर चौपाल को प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था।

पहली ईंट रखी थी

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व MLC सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। कामेश्वर चौपाल ने 68 साल की उम्र में दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली है। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी। संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा दिया था। इसके अलावा राम मंदिर आंदोलन में 9 नवंबर 1989 को पहली आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे। राम मंदिर आंदोलन में उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कामेश्वर चौपाल को प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था।

कौन थे कामेश्वर चौपाल?

राम मंदिर की आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल विधिवत रूप से बीजेपी में शामिल हुए थे। कामेश्वर चौपाल ने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के लिए नींव की पहली ‘राम शिला’ (ईंट) रखी थी। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें पहली बार बीजेपी ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। वह बिहार के सुपौल के रहने वाले थे। 1989 में जब राम मंदिर के लिए पहली ‘राम शिला’ (ईंट) रखी जानी थी, उस वक्त कामेश्वर चौपाल को ही चुना गया था, क्योंकि वह राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे थे। 1991 में उन्हें रोसड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, परंतु इस चुनाव में उन्हें हार मिली। 1995 में इसके बाद उन्हें बेगूसराय की बखरी विधानसभा से टिकट दिया गया था और यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

VHP के सदस्य बने थे

बता दें कि कामेश्वर चौपाल (VHP) 1982 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्य बने थे। उन्हें 1989 में गया में मुख्यालय के साथ अपना राज्य प्रभारी बनाया गया था। वहीं से वह राम मंदिर के लिए ‘राम शिला’ (ईंट) अयोध्या तक लेकर गए थे। हर गांव ने राम मंदिर के निर्माण के लिए ईंट और 1 रुपये 25 पैसे दक्षिणा के रूप में दिए थे।

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