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Rampur By Election: रामपुर में घिरी सपा, आखिर क्यों आजम के करीबी थाम रहे BJP का दामन ?

रामपुर. सपा के दिग्गज नेता और मुस्लिम चेहरा आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा होने के चलते उनकी विधायकी चली गई है और ऐसे में उनकी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. लगभग साढ़े चार दशक के इतिहास में ये पहली बार होगा जब आजम खान चुनावी रण […]

Azam khan
inkhbar News
  • Last Updated: November 22, 2022 16:34:51 IST

रामपुर. सपा के दिग्गज नेता और मुस्लिम चेहरा आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा होने के चलते उनकी विधायकी चली गई है और ऐसे में उनकी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. लगभग साढ़े चार दशक के इतिहास में ये पहली बार होगा जब आजम खान चुनावी रण से बाहर हैं. रामपुर में सपा से आसिम रजा और भाजपा से आकाश सक्सेना के बीच सीधा मुकाबला है. ऐसे में रामपुर के सियासी समीकरण तेजी से बदलते हुए नज़र आ रहे हैं, आजम के विरोधी ही नहीं बल्कि उनके करीबी नेता भी खुलकर भाजपा का साथ दे रहे हैं, जिससे रामपुर उपचुनाव में सपा के लिए चुनौती बढ़ गई है, बीते दिन भी आज़म के बेहद करीबी माने जाने वाले फसाहत ने भाजपा का दामन थाम लिया.

भाजपा के साथ हैं आज़म विरोधी

रामपुर की सियासत में नवाब परिवार और आजम खान के रिश्ते तो जगजाहिर हैं, रामपुर में नवाब खानदान की सियासत के लिए कभी आजम खान ग्रहण बने थे तो आज नवाब परिवार ही उनके लिए एक संकट बन गया है, बता दें पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और गन्ना विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबर अली खान ने रामपुर उपचुनाव में भाजपा का साथ देने का ऐलान कर दिया है.

नवाब काजिम अली और बाबर अली खान कांग्रेस पार्टी में शामिल हैं, लेकिन आजम खान से राजनीतिक अदावत के चलते रामपुर सीट पर भाजपा का साथ दे रहे हैं. इन दोनों ही नेताओं ने हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा का साथ दिया था. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी, अब फिर से दोनों ही नेताओं ने भाजपा का साथ देने का ऐलान कर सपा में खलबली मचा दी है. इस संबंध में सपा के रामपुर जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा है.

भाजपा को मिल रहा आज़म के करीबियों का समर्थन

रामपुर में आजम खान के करीबी बताए जाने वाले फसाहत शानू ने बीते दिन भाजपा का दामन थाम लिया. एक जमाने में आजम खान के मीडिया प्रभारी रहने वाले फसाहत शानू की रामपुर में बहुत ही मजबूत उपस्थिति मानी जाती थी, इसके साथ ही कहा जा रहा था कि इस बार सपा उन्हें रामपुर उपचुनाव में अपना उम्मीदवार भी बना सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शानू ने भाजपा का दामन थाम लिया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है.

आज़म के करीबी रहे फसाहत

फसाहत शानू का नाम उन लोगों में गिना जाता है जो आजम खान के करीबियों में आते हैं, बता दें जिस वक्त अखिलेश यादव के साथ आजम खान के रिश्ते कुछ खास नहीं चल रहे थे, तब भी शानू की तरफ से सपा प्रमुख पर तंज कसा जाता है, कई मौकों पर फसाहत शानू के बयानों ने सियासी तापमान बढ़ाने का काम किया था. लेकिन अब आजम की विधायकी जाने के बाद फसाहत शानू ने अपना पाला बदल लिया है और भाजपा में आ गए हैं. वे इरशाद महमूद, नवीन शर्मा और वैभव यादव के साथ भाजपा में आ गए हैं, फसाहत के साथ ये सभी आजम खान के करीबी माने जाते हैं.

क्यों आज़म से दूर हो रहे उनके करीबी

रामपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के कई नेता खुद को आजम खान के सियासी उत्तराधिकारी के तौर पर देखते थे, ऐसे में आजम खान को अदालत से तीन सजा हुई, उनकी विधायकी गई और फिर रामपुर सीट खाली हुई तो सपा से टिकट के लिए कई दावेदार आ गए, इस कतार में फसाहत अली खान उर्फ शानू भी थे, लेकिन आजम खान ने अपने करीबी नेता आसिम रजा पर भरोसा जताया और उन्हें यहाँ से उम्मीदवार बनाया. माना जा रहा है कि इसी के चलते आजम खान के करीबी नेताओं ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है और भाजपा का साथ देकर आसिम रजा के विधानसभा पहुंचने की राह में कांटे बिछाने की कोशिश कर रहे हैं.

 

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