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बूढ़ी मां को काशी फेंकने वाले बेटी-दामाद अब लेने पहुंचे, कान पकड़कर मांगी माफ़ी, लाखों का जायदाद दे रखी है मां

कानपुर की शिवाला की रहने वाली 74 साल की एक बुजुर्ग महिला को उनकी बेटी और दामाद ने काशी के मणिकर्णिका घाट पर छोड़ दिया था। अब बेटी दामाद उन्हें लेने पहुंचे हैं।

Varanasi Elderly Mother
inkhbar News
  • Last Updated: April 17, 2025 14:28:51 IST

वाराणसी। कानपुर की शिवाला की रहने वाली 74 साल की एक बुजुर्ग महिला को उनकी बेटी और दामाद ने काशी के मणिकर्णिका घाट पर छोड़ दिया था। अब बेटी दामाद उन्हें लेने पहुंचे हैं। बेटी-दामाद ने इस घटना के लिए सबसे माफ़ी मांगी है। साथ ही भरोसा दिलाया है कि वो बुजुर्ग मां की देखभाल करेंगे। बेटी का कहना है कि मां ने काशी जाने की जिद पकड़ ली थी। कह रही थी महाकाल के दरबार में जाना है। रविवार को मैं गुस्से में थी तो आकर छोड़ दिया।

अब दलील दे रही बेटी

वाराणसी के कबीरचौरा स्थित लावारिस वार्ड में भर्ती इंद्रा देवी को उनकी बेटी रीता अब लेने आई है। उन्हें अपनी गलती का अहसास है। बुजुर्ग महिला की लाखों की जायदाद है। कानपुर में एक बड़ी दुकान है, जो खूब चलती है। दुकान दामाद ही चलाता है। बेटी का कहना है कि मां पिता की मौत के बाद बीमार रहने लगी थी। हम डायपर तक चेंज करते हैं। हमारी बात ही नहीं सुनती। मैं उसे 3-4 दिन में वापस लेने आने वाली थी।

रो रही थी महिला

3 दिन तक बुर्जुग महिला मणिकर्णिका घाट पर ही पड़ी रहीं। सोमवार को महिला सफाईकर्मी के साथ वो शौच करने गई। जहाँ बेटी को याद करके खूब रो रही थी। बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनको बेटा नहीं है। सिर्फ एक बेटी है। उनकी बेटी यहां छोड़ आई है। महिला के पास से बैग में एक ग्लास, कटोरी, चम्मच और कपड़े मिले हैं। बेटी ने एक रूपया तक नहीं दिया। वो बेटी का नाम सुनकर रो पड़ती हैं लेकिन नाम नहीं बताती। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेटी ने मां को साथ में रखने से मना कर दिया है।

 

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