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Madhya Pradesh: नीट में जीरो आने पर हाईकोर्ट पहुंची छात्रा, कॉपी किया हुआ है साइन और अंगूठा

भोपाल: एक छात्रा नीट परीक्षा परिणाम के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची है। उसका कहना है कि रिजल्ट में दिखाई जा रही ओएमआर शीट बदल गई है। उसने ओएमआर शीट में परिवर्तन बताते हुए कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। 12वीं में हासिल किया था डिस्टिंक्शन मध्य प्रदेश के आगर जिले के भेसोदा गांव में रहने […]

Lipakshi Patidar
inkhbar News
  • Last Updated: September 15, 2022 21:40:08 IST

भोपाल: एक छात्रा नीट परीक्षा परिणाम के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची है। उसका कहना है कि रिजल्ट में दिखाई जा रही ओएमआर शीट बदल गई है। उसने ओएमआर शीट में परिवर्तन बताते हुए कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है।

12वीं में हासिल किया था डिस्टिंक्शन

मध्य प्रदेश के आगर जिले के भेसोदा गांव में रहने वाली एक छात्रा नीट परीक्षा परिणाम के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची है। उसका कहना है कि रिजल्ट में दिखाई जा रही ओएमआर शीट बदल गई है। उसने ओएमआर शीट में परिवर्तन बताते हुए हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। सोचने वाली बात ये है कि छात्रा ने 12वीं में सभी विषयों में डिस्टिंक्शन हासिल किया था, वहीं नीट के रिजल्ट में शून्य नंबर मिले हैं। छात्रा को आशंका है कि उनकी ओएमआर शीट बदल गई है।

हल किए है 161 प्रश्न

जानकारी के मुताबिक आगर जिले के भेसोदा गांव में रहने वाली लिपाक्षी पाटीदार को नीट के 7 सितंबर को घोषित परिणाम में जीरो नंबर मिले हैं। पहले तो लिपाक्षी को रिजल्ट पर भरोसा ही नहीं हुआ, उसने करीबी दोस्तों की आंसर शीट देखी पर उसमें कोई पिवर्तन नहीं किया गया। छात्रा का कहना है कि 200 प्रश्नों में से 161 प्रश्न हल किए है। उसके मुताबिक उसे 640 नंबर आ सकते हैं। सही परिणाम नहीं आने पर परिजनों की सलाह ली गई और इंदौर हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई।

इंदौर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

आगर जिले के भेसोदा गांव में संयुक्त परिवार में रहने वाली लिपाक्षी पाटीदार किसान बद्रीलाल पाटीदार की बेटी हैं। कक्षा 10वीं के बाद से ही उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा था। 10वीं में उसे 87% एवं 5 विषय में डिस्टिंक्शन और 12वीं में 80% एवं सभी विषय में डिस्टिंक्शन मिली थी। उसने कोटा रहकर नीट एग्जाम की तैयारी की। जुलाई में एग्जाम हुई और सितंबर में रिजल्ट आया। रिजल्ट देख उसके होश उड़ गए। हालांकि छात्रा ने इंदौर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिर से एग्जाम की तैयारी में लग गई है।

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जांच की जाए

लिपाक्षी ने कहा की एडवोकेट धमेंद्र चेलावत के जरिए इस मामले में हाईकोर्ट में चुनौती दी है। छात्रा की मांग है कि हाई लेवल कमेटी बनाकर असल दस्तावेज पर फिर से जांच की जाए। लिपाक्षी ने हाईकोर्ट के सामने कई तथ्य भी रखे हैं। छात्रा का कहना है कि उसने 161 प्रश्न हल किए हैं तो ओएमआर सीट खाली क्यों दिख रही है। छात्रा ने एग्जाम के दिन के दस्तावेज भी डाउनलोड किए हैं तो उसमें परिवर्तन दिखा।

अंगूठा में अंतर

लिपाक्षी पाटीदार का कहना है कि एग्जाम सेंटर के पर्यवेक्षकों ने 2 घंटे के अंतराल में साइन किए थे, लेकिन मेरी शीट पर दोनों का समय समान दिया है। बॉक्स में अंगूठा लगाते समय बॉक्स की लाइन पर आ गया था। जो शीट हमने डाउनलोड किया उसमें अंगूठा ठीक बीच में लगा हुआ है। साइन भी कॉपी की तरह लग रही है। लिपाक्षी का कहना है कि इसमें कुछ फर्जीवाड़ा हुआ है।

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