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बिहार में जहरीली शराब से मौत का तांडव, दो लोगों की गई जान

पटना: बिहार के सिवान जिले में जहरीली शराब से मौत का मामला एक बार फिर सामने आया है। यह घटना राज्य में लागू शराबबंदी की सख्ती पर सवाल खड़े कर रही है। गुरुवार को लकड़ी नबीगंज क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की हालत गंभीर बनी […]

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  • Last Updated: November 15, 2024 22:50:48 IST

पटना: बिहार के सिवान जिले में जहरीली शराब से मौत का मामला एक बार फिर सामने आया है। यह घटना राज्य में लागू शराबबंदी की सख्ती पर सवाल खड़े कर रही है। गुरुवार को लकड़ी नबीगंज क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। इनमें से दो लोग अपनी आंखों की रोशनी भी गंवा चुके हैं।

इलाज के दौरान दो की मौत

जानकारी के अनुसार, जहरीली शराब पीने के बाद पांच लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सभी को सिवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अमरजीत राय और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। मृतकों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं उमेश यादव को पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। हरिंदर और अशोक नामक दो अन्य लोग सदर अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।

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शराबबंदी पर सवाल

घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की नाक के नीचे अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है। थाने से महज सौ मीटर की दूरी पर भी शराब बेची जाती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन समय रहते सख्त कार्रवाई करता, तो यह घटना टाली जा सकती थी. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि मृतक अमरजीत राय खुद अवैध शराब के कारोबार में लिप्त था। उसे कई बार समझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह नहीं माना। घटना के बाद नबीगंज गांव में सड़कों पर शराब के पाउच और पैकेट बिखरे हुए पाए गए, जिन्हें जलाया भी गया।

सिर्फ कागजों पर हो रही कार्रवाई

इसके बावजूद शराब का यह अवैध कारोबार बंद नहीं हुआ है। इस घटना ने राज्य में शराबबंदी की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले महीने भी इसी क्षेत्र में जहरीली शराब से 28 लोगों की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल कागजों में कार्रवाई दिखाता है, जबकि हकीकत में शराबबंदी का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है।

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