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60 लोगों के परिवार में पला था इस नामी बैंक का मालिक, आज उनका नेट वर्थ 1.2 लाख करोड़ से अधिक

नई दिल्ली: कोटक महिंद्रा बैंक का मालिक 60 लोगों के परिवार में पला था, चाचा-चाची, दादा-दादी, भाई-बहन समेत सबलोग एक ही छत के नीचे रहते थे.

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  • Last Updated: October 14, 2024 18:29:27 IST

नई दिल्ली: कोटक महिंद्रा बैंक का मालिक 60 लोगों के परिवार में पला था, चाचा-चाची, दादा-दादी, भाई-बहन समेत सबलोग एक ही छत के नीचे रहते थे. एक ही रसोई में सबका खाना पकता था, इसी परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ जिसका नाम उदय रखा गया. उदय शब्द से ही पता चल जाता है कि इसमें सफलता झलकती है. यह बच्चा बड़ा होकर आज जो काम कर रहा है वो सच में नए सूर्य उदय जैसा है. यही लड़का आज 14.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 1.2 लाख करोड़ से अधिक का मालिक है.

वही बच्चा, जिसका नाम उदय कोटक है, आज भारतीय बिजनेस जगत में छाप छोड़ रहे है. वे कोटक महिंद्रा बैंक के कर्ता-धर्ता हैं, जो देश के 4 सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में आता है. इन्होंने 2014 में ING बैंक को भारतीय ऑपरेशन्स का अधिग्रहण किया था. इस अधिग्रहण के बाद कोटक महिंद्रा बैंक बहुत तेजी से आगे बढ़ा है. इतने बड़े कारोबार को स्थापित करना इतना आसान नहीं होता है, जो उदय कोटक ने कर दिखाया.

उदय कोटक ने कड़ी मेहनत करके मुंबई विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री ली और उन्हें एक टॉप मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लग गई, लेकिन उनका सपना कुछ और ही था. अपना सपना पूरा करने उदय कोटक ने अपने परिवार के कपास से जुड़े बिजनेस में काम करना शुरू किया. काम अच्छा चल रहा था, लेकिन इस बिजनेस में 16 शेयरहोल्डर्स थे और उसे फैसले लेने में काफी समय लगता था. उदय कोटक इससे नाखुश थे. इसलिए उन्होंने एक ऐसा बिजनेस करने के लिए सोचा, जहां वे तुरंत निर्णय ले सकें.

कर्ज लेकर से शुरू किया अपना बिजनेस

उदय कोटक ने साल 1985 में 30 लाख रुपये कर्ज लेकर एक बिल डिस्काउंटिंग कंपनी की शुरुआत की. इस कंपनी में वे व्यापारियों से बकाया इनवॉयस डिस्काउंट पर खरीदते थे. उदय कोटक का पहला क्लाइंट टाटा की कंपनी नेल्को थी, जहां से उन्हें 4% का मुनाफा हुआ. इस बिजनेस को बढ़ाने के लिए उन्होंने आनंद महिंद्रा के साथ साझेदारी की और इसमें उन्होंने 1 लाख रुपये का निवेश कर कोटक महिंद्रा फाइनेंस की स्थापना की. इसके बाद साल 1985 में कोटक महिंद्रा फाइनेंस की सेल 26 लाख रुपये तक पहुंच गई. इसके बाद उदय कोटक को यह एहसास हुआ कि भारत में कोई प्राइवेट बैंक नहीं है और उन्होंने साल 1991 में कोटक महिंद्रा बैंक की स्थापना की और साल 1996 में बड़ी सफलता मिली, इस तरह उदय कोटक आगे बढ़ते गए. आज 1.2 लाख करोड़ से अधिक का मालिक है.

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