लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 के आयोजन को सुरक्षित और अग्नि मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार का उद्देश्य श्रद्धालुओं और संस्थाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है और इसके लिए मेले में आग की घटनाओं को रोकने के लिए कई सख्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

शॉर्ट सर्किट घटनाओं पर एहतियात बरतना

महाकुंभ 2025 में कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान सरकार ने कहा है कि इससे पहले हुई घटनाओं से सीखते हुए यह कदम उठाए गए हैं। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने मेले में बिजली के उपयोग को लेकर भी कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं। UPPCL के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर महाकुंभ, मनोज गुप्ता ने बताया कि इन उपकरणों के कारण शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाएं हुई थीं, जिनसे आग लगने का खतरा बढ़ा था।

नियमों के उल्लंघन पर होगी कड़ी करवाई

एग्जीक्यूटिव इंजीनिय अनूप सिन्हा ने बताया कि इन उपकरणों के साथ-साथ कटिया लगाकर बिजली का उपयोग करने पर भी सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई संस्था ऐसा करती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अगर किसी संस्था ने बिजली विभाग की वायरिंग में छेड़छाड़ की और उससे कोई घटना हुई, तो संस्था को उसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।

अनूप सिन्हा ने यह भी कहा कि संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी वायरिंग सुरक्षा मानकों के अनुसार करें और इसके बाद विद्युत सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करें। सरकार का लक्ष्य महाकुंभ 2025 को एक सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन बनाना है, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी डर के धार्मिक कार्यों में भाग ले सकें।

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