नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट नेआज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी. अदालत ने टिप्पणी कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. इसके अलावा कोर्ट ने कहा किअरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय जाने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने पर प्रतिबंध जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल का पक्ष वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने रखा था.अरविंद केजरीवाल का दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाला के मामले में अभिषेक मनु सिंघवी केस लड़ रहे हैं और उन्होंने ही पिछली बार भी उन्हें जमानत दिलवाई थी. इस बार भी केजरीवाल को जमानत दिलाने के लिए वरिष्ठ वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दमदार और महत्वपूर्ण दलीलें दीं

 

सिंघवी की वो दमदार दलीलें

सिंधवी ने केजरीवाल की सीबीआई की ओर से की गई की गिरफ्तारी को अवैध बताया.वकील ने कहा कि केजरीवाल को जिन आधारों पर गिरफ्तार किया गया वो जनवरी के थे.
2. सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी की सीआरपीसी की धारा 41ए में पूछताछ का नोटिस भेजे बिना ही गिरफ्तार कर लेना गैरकानूनी है.उन्हें केवल जांच में सहयोग नहीं करने के आधार पर अरेस्ट किया गया.जो गैरकानूनी है.
3. उन्होंने यह दलील दी कि एफआईआर दर्ज होने के 8 महीने बाद दिल्ली के सीएम को पूछताछ के लिए बुलाया गया. पीएमएलए के तहत दोहरी शर्तों का प्रावधान है. इतने सख्त नियमों के बाद भी हमारे पक्ष में दो फैसले हुए हैं.
4. वरिष्ठ वकील ने पुराने फैसलों का हवाला देते हुए यह दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट अपने ही फैसलों में कह चुका है कि जमानत नियम और जेल अपवाद है.
5. इसके अलावा सिंधवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर हैं, जमानत मिलने के बाद उनके भागने का सवाल ही नहीं है.

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