Etawah Yadav kathavachak misbehaved: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के डंडारपुर गांव में एक शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक हलचल मचा दी है। यहां श्रीमद्भागवत कथा सुनाने आए कथावाचक और उनके सहायक के साथ जाति के नाम पर हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। आरोप है कि कुछ लोगों ने न सिर्फ यादव जाति से ताल्लुक रखने वाले भागवताचार्य मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव की पिटाई की, बल्कि उन्हें अपमानित करते हुए उनकी चोटी और बाल भी काट दिए।
इतना ही नहीं कथावाचक को महिला के पैर छूने और नाक रगड़ने के लिए भी मजबूर किया गया और कथित तौर पर उस पर पेशाब भी छिड़का गया। पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई और जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया।
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इटावा की घटना पर भड़के अखिलेश यादव
अब इस मामले पर सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कड़ा रुख अपनाते हुए योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने इस घटना को न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया, बल्कि इसे संविधान के मूल्यों के खिलाफ भी बताया।
अखिलेश ने कहा कि इटावा के दादरपुर गांव में भागवत कथा के दरम्यान कथावाचक और उनके सहयोगियों के साथ सिर्फ इसलिए अमानवीय व्यवहार किया गया क्योंकि उन्होंने अपनी जाति ‘यादव’ बताई थी। यह वर्चस्ववादी मानसिकता और सामंती सोच का शर्मनाक उदाहरण है। पीड़ितों के बाल काटे गए, नाक रगड़ी गई और कथित तौर पर इलाके का शुद्धिकरण किया गया।
उन्होंने कहा कि यह संविधान और मानवता दोनों के खिलाफ अपराध है। सपा प्रमुख ने चेतावनी दी कि अगर तीन दिन के अंदर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो सपा पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के सम्मान की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि पीडीए के सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है।
मामले में पुलिस की कार्रवाई
उधर, वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। इटावा पुलिस के मुताबिक घटना के संबंध में बकेवर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोप गंभीर हैं और एडिशनल एसपी के नेतृत्व में जांच की जा रही है। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि उन्हें बंधक बनाकर न सिर्फ पीटा गया, बल्कि उनके पैसे भी छीन लिए गए।
पीड़ितों की कहानी
पीड़ित संत कुमार यादव ने बताया कि वह कथावाचक मुकुट मणि यादव का सहायक है और गांव में कथा करने गया था। लेकिन जैसे ही उसने अपनी जाति बताई, वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसके कथावाचक होने पर सवाल उठाए और अमानवीय व्यवहार किया। महिला से जबरन पैर छूने, नाक रगड़ने और बाल काटने को कहा गया। इस मामले ने प्रदेश की सियासत में नई हलचल मचा दी है। जबकि सपा इसे जातिगत उत्पीड़न का मामला बता रही है। साथ ही सरकार पर सामाजिक समानता और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विफल होने का आरोप भी लग रहा है।