नई दिल्ली : आरोपी ड्राइवर अपने साले के साथ मिलकर कैश और अन्य सामान लेकर फरार हो गया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही एक स्कूटी, नागालैंड में बना ड्राइविंग लाइसेंस और कैश बरामद किया है। हैरानी की बात यह है कि इतना पढ़ा-लिखा और इतना बड़ा कारोबारी अपने ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराता था। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 8 लाख रुपए बरामद किए।
गाजियाबाद में एसीपी कवि नगर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि 4 फरवरी को स्टील कारोबारी राकेश मित्तल ने सूचना दी थी कि उनका ड्राइवर अभिषेक मिश्रा जो कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का रहने वाला है, उनकी कार में रखे 10 लाख रुपए और अन्य आईडी प्रूफ लेकर फरार हो गया है। कवि नगर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई थीं।
सीसीटीवी कैमरों और मुखबिरों की मदद से पुलिस ने दोनों आरोपियों अभिषेक मिश्रा और उसके साले सुनील तिवारी जो कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का रहने वाला है, को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 889000 रुपए नकद, एक स्कूटी एक्टिवा और ड्राइवर अभिषेक मिश्रा का ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक अभिषेक का लाइसेंस नागालैंड में बना है, जिसकी भी जांच हैं।
इसके अलावा पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि स्टील कारोबारी ने अपने ड्राइवर को काम पर रखने के बाद उसका पुलिस सत्यापन नहीं कराया था। पकड़े जाने पर ड्राइवर ने बताया कि राकेश मित्तल अपनी बेटी और दूसरे नौकर राहुल के साथ दिल्ली के एक अस्पताल में गया था और वहां से लौटते समय उसने किसी से पैसे लिए थे। जो उसके सामने वाली गाड़ी में सीट के नीचे रखे थे। घर पहुंचने पर जब राकेश मित्तल, उसकी बेटी और नौकर अंदर गए तो अभिषेक पैसों से भरा बैग और स्कूटर लेकर फरार हो गया।
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