लखनऊ। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी द्वारा औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान पर सियासी हंगामा जारी है। आजमी का बयान सपा के लिए मुश्किलें खड़ी करता नजर आ रहा है। न सिर्फ बीजेपी बल्कि इंडिया गठबंधन के साथी दल भी अब सपा को घेरने में जुट गए हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने आजमी के बयान को लेकर समाजवादी पार्टी को खरी-खोटी सुनाई है। उद्धव ने कहा कि अगर उन्हें (अखिलेश यादव) अबू आजमी ज्यादा अच्छे लगते हैं तो फिर वो उन्हें उत्तर प्रदेश से चुनकर लाएं, महाराष्ट्र से नहीं। शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया ने कहा कि क्या वो (अखिलेश) सच जानते हैं? क्या उन्हें पता है कि अबू आजमी के बयान पर पूरे महाराष्ट्र में गुस्सा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अबू आजमी का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।
बता दें कि पहले अबू आजमी का बयान और फिर अखिलेश यादव द्वारा उनका बचाव किए जाने से सपा के चुनावी नुकसान हो सकता है, ऐसा राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है। लोकसभा चुनाव 2024 में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अब 2027 की जंग जीतने की तैयारी कर रही सपा को अबू आजमी के बयान से काफी नुकसान हो सकता है। इन बयानों से अल्पसंख्यक वोट तो सपा को एकमुश्त मिल जाएगा (जो पहले से अखिलेश को मिलता रहा है) लेकिन बहुसंख्यक हिंदू सपा से किनारा कर सकते हैं।
अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा था कि वो क्रूर शासक नहीं है। वो एक अच्छे शासक थे। उनके इस बयान पर महाराष्ट्र में हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी-शिवसेना ने इसे देशद्रोह बताया। इस मामले में अबू आजमी पर केस भी हो गया है। हालांकि विवाद बढ़ता हुआ देखकर उन्होंने माफ़ी मांग ली थी। अब उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है।
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