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अखिलेश यादव ने मोदी सरकार की खिंचाई, सोच पर उठाया सवाल, कमल छाप को दिखाया नीचे

केंद्र सरकार ने पिछले सोमवार को 'नो डिटेंशन पॉलिसी' खत्म कर दी है. इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को फेल कर दिया जाएगा. अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट कर मोदी सरकार के इस फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है.

Akhilesh Yadav slammed Modi government raised questions on thinking showed lotus print below no detention policy to fail in class fifth and eighth students
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  • Last Updated: December 30, 2024 19:49:37 IST

लखनऊ: केंद्र सरकार ने पिछले सोमवार को ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म कर दी है. इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को फेल कर दिया जाएगा. अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट कर मोदी सरकार के इस फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है.

मानसिक दबाव देना उचित नहीं

अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘छात्रों की असफलता के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे खराब शिक्षण-परीक्षण प्रणाली, उनकी सामाजिक स्थिति या आर्थिक स्थिति, इसलिए बच्चों पर पास होने के लिए मानसिक दबाव देना उचित नहीं है. हर पहलू पर विचार करने के बाद ही बच्चों के लिए ऐसा निर्णय लेना चाहिए। सपा प्रमुख ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा, ‘बीजेपी सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए.

सच तो यह है कि जो बच्चे उत्तीर्ण नहीं हो पाते उनकी व्यक्तिगत समस्याओं को समझने के लिए विशेष प्रयास और अतिरिक्त शिक्षण किया जाना चाहिए। सरकार को बड़ी सोच रखनी चाहिए. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले की जानकारी दी थी. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि आज हमने तय किया है कि कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षा देने के बाद भी अगर डिटेंशन की जरूरत पड़ती है तो उसके बाद ही डिटेंशन किया जाए.

स्कूल से नहीं निकाला जायेगा

इसमें यह भी प्रावधान है कि आठवीं कक्षा तक बच्चों को स्कूल से नहीं निकाला जायेगा. नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को फेल कर दिया जाएगा. फेल छात्रों को दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा और अगर वे इसमें भी फेल हो जाते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा. किसी भी विद्यार्थी को विद्यालय से निष्कासित नहीं किया जायेगा। अब सरकार के इस फैसले पर अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं.

 

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