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अखिलेश निकले औरंगजेब के रिश्तेदार, ब्रिटेश अफसरों का हुआ इस्तेमाल, जनता के साथ खिलवाड़!

आगरा में ऐतिहासिक धरोहरों पर बुलडोजर की कार्रवाई पर सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने औरंगजेब की हवेली गिराए जाने पर निशाना साधा और केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय से इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने की मांग की.

Akhilesh yadav turned out to be a relative of Aurangzeb British officers were used playing with the public
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  • Last Updated: January 4, 2025 15:41:57 IST

लखनऊ: आगरा में ऐतिहासिक धरोहरों पर बुलडोजर की कार्रवाई पर सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने औरंगजेब की हवेली गिराए जाने पर निशाना साधा और केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय से इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि नष्ट हुए हिस्से का पुनर्निर्माण कराया जाए तथा शेष हिस्से का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।

कार्रवाई पर निशाना साधा

सपा अध्यक्ष ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ऐतिहासिक इमारतों पर बुलडोजर की कार्रवाई पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा- ‘आगरा में ऐतिहासिक धरोहरों के अवैध विनाश के संबंध में हमारी संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व विभाग से निम्नलिखित मांगें हैं।

1. सभी दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानून के मुताबिक दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें.
2. प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही बरतने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
3. क्षतिग्रस्त हिस्से का पुनरुद्धार कार्य तुरंत शुरू किया जाना चाहिए।
4. जो बचा है उसका संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।’ उन्होंने लिखा कि बीजेपी राज में न तो इतिहास बच रहा है और न ही भविष्य बन रहा है.

बुलडोजर चला दिया

वहीं आगरा में ऐतिहासिक इमारत औरंगजेब की हवेली मुबारक मंजिल पर एक बिल्डर ने बुलडोजर चला दिया है. जिसके चलते इस इमारत का 70 फीसदी हिस्सा ध्वस्त हो चुका है. यह इमारत 17वीं सदी के मुगल इतिहास की धरोहर थी। जिसका निर्माण औरंगजेब ने समोगढ़ के युद्ध में विजय के बाद करवाया था।

लोगों में गुस्सा है

औरंगजेब के बाद इस हवेली का इस्तेमाल शाहजहां, शुजा और ब्रिटिश अधिकारियों ने भी किया था। इस बिल्डिंग को तोड़े जाने से आसपास के लोगों में गुस्सा है. सितंबर माह में राज्य पुरातत्व विभाग ने मुबारक मंजिल के संरक्षण के लिए अधिसूचना जारी की थी. दो सप्ताह पहले भी अधिकारी इसका निरीक्षण करने आये थे. लेकिन, कुछ दिनों बाद इस इमारत को गिराने का काम शुरू हुआ और इसे बुलडोजर से ढहा दिया गया.

 

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