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शहर में आने वाली थी कयामत, 17 बंदूके, 700 कारतूस, दरोगा बेटा ने रची थी साजिश, फिर हुआ…

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस ने एक बड़े हथियार सप्लाई रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो इलाके में सक्रिय है. चौंकाने वाली बात ये है कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड एक इंस्पेक्टर का बेटा है. पुलिस ने रोहन नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो हथियारों की अवैध सप्लाई का बड़ा नेटवर्क चला रहा था. उसके पास से 17 बंदूकें और 700 कारतूस बरामद हुए हैं, जो पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

Doom was about to come in the city, 17 guns, 700 cartridges, Inspector's son had hatched a conspiracy, then it happened...
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  • Last Updated: November 26, 2024 21:07:59 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस ने एक बड़े हथियार सप्लाई रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो इलाके में सक्रिय है. चौंकाने वाली बात ये है कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड एक इंस्पेक्टर का बेटा है. पुलिस ने रोहन नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो हथियारों की अवैध सप्लाई का बड़ा नेटवर्क चला रहा था. उसके पास से 17 बंदूकें और 700 कारतूस बरामद हुए हैं, जो पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

 

हथियारों की सप्लाई की

 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रोहन का यह गिरोह अवैध रूप से हथियारों की सप्लाई करता था और वह ए.के. 47 जैसे हाईटेक हथियार भी सप्लाई किए गए. इन हथियारों को अलग-अलग अपराधियों और गिरोहों को बेचा जाता था, जिससे इलाके में अपराध की घटनाएं बढ़ रही थीं.मेरठ पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की, जिसके बाद रोहन को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं पुलिस ने बताया कि रोहन अपने पिता की पहचान का फायदा उठाकर हथियारों का कारोबार कर रहा था. उनकी गिरफ्तारी से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या स्थानीय पुलिस अधिकारियों और उनके परिवारों का इस तरह के अवैध धंधों में शामिल होना आम बात हो गई है.

 

पूछताछ शुरू हुई

 

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रोहन से पूछताछ शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसके संपर्क कौन-कौन थे और उसका नेटवर्क कहां तक ​​फैला हुआ था. अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह काफी समय से सक्रिय था और इनके पास से बरामद हथियारों की संख्या से यह साबित होता है कि इस रैकेट के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था.इस मामले की जांच अब गहरी हो गई है और पुलिस इस रैकेट के अन्य सदस्यों और सप्लाई चेन का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

 

बड़ा खतरा नहीं है?

 

मेरठ पुलिस ने इस गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी मानते हुए कहा है कि वह अपराधियों के खिलाफ अपना अभियान और तेज करेगी.हालाँकि, इस घटना से एक बार फिर यह सवाल उठता है कि क्या ऐसे अपराधों में शीर्ष पुलिस अधिकारियों और उनके परिवारों की संलिप्तता सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा नहीं है? अब देखना यह है कि पुलिस आगे क्या कदम उठाती है और इस ग्रुप के अन्य सदस्यों को पकड़ने में कितनी सफलता हासिल करती है.

 

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