नई दिल्ली: प्रेमानंद महाराज एक जाने-माने संत हैं, जिनकी ख्याति देश-विदेश तक फैली हुई है। वृंदावन में उनकी पदयात्रा अत्यंत लोकप्रिय है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। हाल ही में वृंदावन में उनकी रात 2 बजे निकलने वाली पदयात्रा को लेकर कुछ लोगों ने विरोध जताया। खासतौर पर एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के निवासियों ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि देर रात लाउडस्पीकर, आतिशबाजी और बैंड-बाजे के कारण शोरगुल से उन्हें परेशानी हो रही थी।
संत प्रेमानंद महाराज ने किसी को भी असुविधा न हो, इस भावना से पदयात्रा का समय बदलकर सुबह 4 बजे कर दिया और यात्रा का मार्ग भी बदल दिया, ताकि किसी को परेशानी न हो।
जब भक्तों को इस बदलाव का पता चला, तो वे आक्रोशित हो गए। वृंदावन के कई दुकानदारों ने एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के लोगों के खिलाफ नाराजगी जताते हुए अपने दुकानों पर नोटिस लगा दिए कि वे उन्हें सामान नहीं बेचेंगे।
इस विवाद के बाद एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष प्रेमानंद महाराज के पास पहुंचे और अपनी गलती स्वीकारते हुए माफी मांगी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने बिना पूरी जानकारी के विरोध किया और बाद में उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि उनका उद्देश्य सबको सुख पहुंचाना है, किसी से कोई विरोध नहीं है। उन्होंने सोसाइटी के सभी लोगों को प्रेम और सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया।
एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष ने महाराज से अनुरोध किया कि वे अपनी पदयात्रा पुनः शुरू करें। महाराज ने सभी को आश्वस्त किया कि उनकी यात्रा किसी को परेशान किए बिना जारी रहेगी और हर किसी की भलाई का ध्यान रखा जाएगा। प्रेम और समर्पण से यह विवाद सुलझ गया, और वृंदावन में भक्तों का उत्साह फिर से लौट आया।
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