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‘मां-बाप को ढूंढ दो’, 31 साल पहले किडनैप हुआ युवक पहुंचा थाने, पुलिस वाले रह गए दंग

गाजियाबाद के सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश उपाध्याय ने बताया कि खोड़ा थाने में एक युवक पहुंचा और उसने बताया कि 9 साल की उम्र में उसका अपहरण हुआ था। वहां पहुंचकर उसने अपनी कहानी बताई। उसकी कहानी सुनकर पुलिसवालों को दया आ गई और उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया में भी खबर चलाई।

Ghaziabad Man Kidnap
inkhbar News
  • Last Updated: November 28, 2024 14:00:38 IST

नई दिल्ली: गाजियाबाद और नोएडा से जुड़े खोड़ा थाने में आर्मी जैकेट पहनकर एक युवक पहुंचा तो सभी पुलिस कर्मी हैरान रह गए। युवक ने कहा ‘मेरा 31 साल पहले अपहरण हुआ था, मेरे मां -बाप को ढूंढ दो।’ यह सुनकर सबके आश्चर्य में पड़ गए। सबकुछ रोककर उसे बैठाया गया और पूरी कहानी सुनी गई। फिर पुलिस ने एक ऐसा तरीका निकाला जिससे वह अपने परिवार से मिल गया।

किडनैपर राजस्थान ले गए

गाजियाबाद के सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश उपाध्याय ने बताया कि खोड़ा थाने में एक युवक पहुंचा और उसने बताया कि 9 साल की उम्र में उसका अपहरण हुआ था। उसकी चार बहनें और एक भाई है। एक दिन वह अपनी बड़ी बहन के साथ स्कूल से लौट रहा था। किसी बात को लेकर उसका अपनी बहन से झगड़ा हो गया, वह आगे चलने लगा और पास में खड़े एक टेंपो में बैठ गया। उसमें कुछ लोग बैठे थे, उन्होंने बातचीत की, उसने उन्हें झगड़े के बारे में बताया। इसके बाद वे उसे कुछ दूर तक टेंपो में लेकर गए। इसके बाद वे उसे ट्रक में डालकर राजस्थान के जैसलमेर में ले गए। दिनभर उससे काम करवाते और रात को बांध देते थे।

इस तरह उसने अपने 31 साल बिताए। उसके साथ कई और बच्चे भी थे। पूछताछ में उसने बताया कि गांव इतना ऊबड़-खाबड़ था कि सड़क तक पहुंचने में दो दिन लग जाते थे। इस वजह से वह कभी भागने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।

सरदार जी को दया आ गई

राजू ने बताया कि हाल ही में एक सरदार जी भेड़-बकरी खरीदने आए थे। राजू की लंबी दाढ़ी, बाल और नाखून देखकर उन्हें दया आ गई। उन्होंने राजू के परिवार के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि दिल्ली नोएडा के नजदीक है। किसी तरह वह उसे दिल्ली ले आए।

उसे दिल्ली-नोएडा के नाम याद थे, स्कूल जाते समय वह मंदिर के पास से गुजरता था। लेकिन 31 साल में सब कुछ बदल गया इसलिए वह पहचान नहीं पा रहा था। खोड़ा नोएडा के पास है, इसलिए लोगों ने उसे खोड़ा थाने से संपर्क करने की सलाह दी। वहां पहुंचकर उसने अपनी कहानी बताई। उसकी कहानी सुनकर पुलिसवालों को दया आ गई और उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया में भी खबर चलाई।

थाने पहुंचा परिवार

खबर पढ़ते ही शहीदनगर में रहने वाले तुलाराम पटने के साथ पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनका बेटा 1993 में स्कूल से आते समय खो गया था। पुलिस रिकॉर्ड छाने तो मामला दर्ज मिला। इसके बाद दंपत्ति में अपने बेटे के शरीर में निशान बताए, जो राजू के शरीर पर मिले। इस तरह तय हुआ कि राजू उनका ही बेटा है।

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