लखनऊ: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज से हो गया। संगम तट पर हजारों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। पौष पूर्णिमा के इस दिन को पहला अमृत स्नान माना जा रहा है। वहीं पहले शाही स्नान की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन होगी। इस धार्मिक आयोजन में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। इस बीच आइए जानते है कि महाकुंभ 2025 में क्या खास इंतज़ाम किए गए है.
तैयार किए गए 41 घाट
महाकुंभ मेले को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रयागराज प्रशासन ने व्यापक व्यवस्था की है। मेला क्षेत्र 4,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसे 25 सेक्टरों में बांटा गया है। स्नान घाटों की सुरक्षा के लिए 41 घाट तैयार किए गए हैं, जिनमें से 10 पक्के और 31 अस्थायी हैं। इसके साथ ही इस बार के महाकुंभ में खगोलीय संयोग इसे और खास बना रहा है। 144 साल बाद ग्रहों की दुर्लभ स्थिति बन रही है, जिसमें सूर्य, चंद्रमा, शनि और बृहस्पति की शुभ स्थिति को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शाही स्नान की अन्य प्रमुख तिथियां 29 जनवरी यानी मौनी अमावस्या, 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) हैं।
7 स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए 7-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एआई संचालित कैमरे और ड्रोन के जरिए मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। 113 ड्रोन, 15,000 सिविल पुलिस कर्मी और एनएसजी कमांडो को तैनात किया गया है। इसके अलावा रेलवे ने महाकुंभ के लिए 3,000 विशेष ट्रेनें शुरू की हैं और 9 स्टेशनों पर प्रवेश-निकासी के लिए अलग रास्ते बनाए हैं। साथ ही, महाकुंभ ऐप और गूगल मैप के जरिए मेला क्षेत्र की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
10 लाख लोगों की व्यवस्था
श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 10 लाख लोगों की व्यवस्था की गई है, जिसमें फ्री और पेड दोनों विकल्प हैं। वहीं हेलिकॉप्टर राइड के जरिए 1,296 रुपये में महाकुंभ का एरियल व्यू देखा जा सकता है। इस महाकुंभ से राज्य को 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।
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