प्रयागराज। महाकुंभ के मेले में हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और आस्था के संगम में डुबकी लगा रहे हैं। इस महाकुंभ में कई बाबाओं चर्चा में आए। आईआईटी वाले बाबा उर्फ अभय सिंह का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। उनका दावा था कि आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करने के बाद सब कुछ छोड़ दिया और बाबा बन गए। लेकिन अब उनके खिलाफ जूना अखाड़े ने बड़ा फैसला लिया है। जूना अखाड़ा ने अभय सिहं को महाकुंभ से निकाल दिया और उनके बारे में चौंकाने वाली सच्चाई बताई।

वो आवारा था..

अखाड़े का कहना है कि उसने अखाड़े की परंपरा को तोड़ा है और अनुशासन का पालन नहीं किया है। उसने गुरु के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया, जो संन्यास के खिलाफ है। उसे अखाड़े की छावनी और उसके आसपास आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मीडिया से बातचीत में जूना अखाड़े के महंत करणपुरी महाराज ने कहा कि वह बहुत आवारा और मवाली था। वह साधु नहीं था, न ही वह अखाड़े का था, वह अलग-अलग जगहों पर रुकता और खाता था। वह कुछ भी बोलता था। हमने उसे मारकर निकाल दिया। वह किसी का शिष्य नहीं था।

‘वह खाकर भाग जाता था’

कर्पूरी जी ने बताया कि वह घूमता हुआ यहां आया था। वह किसी के जरिए नहीं आया और न ही किसी का शिष्य था। उसने सोमेश्वर पुरी का नाम कहीं सुना होगा तो वहीं नाम ले रहा था। सोमेश्वर पुरी को मरे बीस साल हो गए, तो उनके शिष्य कैसे हो गए? उन्होंने कहा कि अभय सिंह अखाड़े का नाम लेकर एक डेरे से दूसरे डेरे पर घूमता था और खाना खाकर भाग जाता था। वह धोखेबाज था। जब सबको उसके बारे में पता चला तो लोग सतर्क हो गए। उन्होंने कहा कि 6 दिन हो गए हैं। हमने उसे भगा दिया है।

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