अहसन रिज़वी
लखनऊ: बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के प्रति वहां के लोगों का रवैया इन दिनों अनुचित हैं. सोशल मीडिया पर लगातार वहां के हिंदुओं के साथ ज्यादती की तस्वीरें सामने आ रहीं है. बांग्लादेश में कुछ हिंदू धार्मिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. भारत के लोग इस खबर से आहत हैं. यहां लोगों में आक्रोश भी हैं.
लखनऊ में मंगलवार को एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया. ‘जन आक्रोश रैली ‘ के बैनर तले ABVP, विश्व हिंदू परिषद समेत 12 से अधिक संगठन और सामान्य नागरिक इस रैली में जुड़े. आंदोलनकर्ताओं का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है. इस मामले में हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हैं. आंदोलन में शामिल कुछ लोगों ने बताया कि हम अपने ऑफिस से छुट्टी ले कर आए हैं.
जन आक्रोश रैली लखनऊ विश्वविद्यालय से शुरू की गई. विश्वविद्यालय के प्रांगण में सैकड़ों लोग हाथों में भगवा परचम और बैनर पोस्टर इत्यादि लेकर एकत्रित हुए थे. यह रैली विश्वविद्यालय से निकल कर विधानसभा के बाहर पहुंची. इस आंदोलन में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान रूट डाइवर्जन भी किया गया और भारी पुलिस बल मुस्तैद रहा.
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार के विरुद्ध में केवल भारत का हिंदू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी हैं. लखनऊ में शनिवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी आंदोलन किया और बंगलादेश के नेता का पुतला फूंका. इन आंदोलनकर्ताओं का कहना था कि हमारा इस्लाम सबसे पहले इन्सानियत सिखाता है और बांग्लादेश में को कुछ भी हो रहा है वह इन्सानियत के खिलाफ हैं. हम मजलूमों की आवाज़ बनना चाहते हैं.
भारत में इखट्टा हुए बांग्लादेश से नाराज़ लोगों को देख कर उनका उद्देश्य साफ नज़र आता है. मानवता के विरुद्ध इखट्टा हुए हर मज़हब के यह लोग, एकता के ज़रिए अपनी आवाज़ को दूसरे मुल्क तक पहुंचाना चाहते हैं. भारतवासीयों का कहना है कि केंद्र सरकार बांग्लादेश के साथ समन्वय बना कर वहां के हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करे.
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