प्रयागराज: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर देशभर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। महाकुंभ में अंतिम स्नान के दौरान संगम तट पर आस्था का विशाल सैलाब देखा जा रहा है। सुबह 8 बजे तक 41 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके थे, जबकि अब तक 44 दिनों में कुल 64.33 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। इस पावन दिन पर लगभग 3 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान करने की संभावना जताई गई है, जिससे कुल आंकड़ा 67 करोड़ पार कर जाएगा।
अमृत स्नान का महासंयोग
इस बार महाशिवरात्रि पर दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग बन रहा है। 26 फरवरी को त्रिग्रही योग, बुधादित्य योग और श्रवण नक्षत्र एक साथ आ रहे हैं। 31 वर्षों के बाद चंद्रमा के श्रवण नक्षत्र में बुधादित्य और त्रिग्रही योग के साथ यह पवित्र पर्व मनाया जा रहा है। सूर्य, बुध और शनि शनि की राशि कुंभ में स्थित होकर अमृत स्नान का महायोग बना रहे हैं।
44 घंटे खुले रहेंगे पट
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मंगलवार रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए, जो लगातार 44 घंटे तक दर्शन के लिए खुले रहेंगे। 27 फरवरी दोपहर 12 बजे विशेष भस्म आरती होगी, जो साल में केवल एक बार होती है। बीते चार दिनों में 8-10 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जबकि महाशिवरात्रि पर यह संख्या 10 लाख से अधिक पहुंचने की संभावना है।
वहीं प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की है। दर्शन के लिए भक्तों को ढाई किलोमीटर की पदयात्रा करनी होगी। मंदिर प्रशासन का दावा है कि एक से डेढ़ घंटे में सभी को दर्शन कराए जाएंगे, हालांकि पिछले अनुभवों के अनुसार दर्शन में ढाई से तीन घंटे तक लग सकते हैं।
VIP दर्शन पर रोक
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए 25 से 27 फरवरी तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी गई है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ के कारण वाराणसी में भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। इसके अलावा, शिव विवाह के भव्य आयोजन को देखने के लिए भी हजारों श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, ताकि सभी भक्त सुगमता से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकें।
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