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नागा साधु क्यों रखते है अपने पास हथियार, जानें इसके पीछे की धार्मिक वजह

नागा साधु साधना और त्याग के साथ-साथ अस्त्र-शस्त्र भी धारण करते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि तपस्वी जीवन जीने वाले नागा साधु अस्त्र क्यों रखते हैं? नागा साधु त्रिशूल, तलवार और भाले जैसे अस्त्र रखते हैं। त्रिशूल भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक है.

Naga sadhu hathiyar, Maha Kumbh 2025
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  • Last Updated: January 13, 2025 14:20:44 IST

लखनऊ: साधुओं की छवि आमतौर पर तप, त्याग और ध्यान में लीन रहने की होती है। लेकिन जब बात नागा साधुओं की आती है, तो उनके जीवन का एक अलग ही पहलू सामने आता है। नागा साधु साधना और त्याग के साथ-साथ अस्त्र-शस्त्र भी धारण करते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि तपस्वी जीवन जीने वाले नागा साधु अस्त्र क्यों रखते हैं?

भगवान शिव के भक्त नागा साधु

नागा साधु भगवान शिव के भक्त माने जाते हैं। भगवान शिव के प्रिय अस्त्र त्रिशूल को नागा साधु धारण करते हैं, जो शक्ति, सृष्टि और विनाश का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से, नागा साधुओं का अस्त्र रखना धर्म और संस्कृति की रक्षा से जुड़ा है। माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा के उद्देश्य से अखाड़ों और नागा साधुओं की परंपरा शुरू की थी।

नागा साधु

धर्म की रक्षा

नागा साधु त्रिशूल, तलवार और भाले जैसे अस्त्र रखते हैं। त्रिशूल भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक है, जबकि तलवार और भाला वीरता और साहस का प्रतीक हैं। इन अस्त्रों का उपयोग केवल आत्मरक्षा और धर्म की रक्षा के लिए किया जाता है। हालांकि नागा साधु इन्हें कभी किसी पर आक्रमण के लिए इस्तेमाल नहीं करते। इतिहास गवाह है कि विदेशी आक्रमणों के दौरान नागा साधुओं ने अपने अस्त्रों से भारतीय मंदिरों और परंपराओं की रक्षा की थी। उनके अस्त्र रखना इस बात का प्रतीक है कि वे संकट के समय धर्म की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसी कारण नागा साधुओं के अस्त्र उनके तप और साधना का अहम हिस्सा माने जाते हैं.

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