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उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर पुल ढहा: बद्रीनाथ हाईवे पर बड़ा हादसा, जांच के आदेश

उत्तराखंड में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के निकट नरकोटा में बन रहे पहले सिग्नेचर पुल का एक हिस्सा

Uttarakhand signature bridge collapsed Badrinath Highway
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  • Last Updated: July 18, 2024 22:04:09 IST

Uttarakhand Signature Bridge Collapsed: उत्तराखंड में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के निकट नरकोटा में बन रहे पहले सिग्नेचर पुल का एक हिस्सा अचानक गिर गया। इस हादसे में किसी मजदूर की जान नहीं गई क्योंकि गिरने के समय कोई भी काम नहीं कर रहा था। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

66 करोड़ की लागत से बन रहा था पुल

ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर परियोजना के तहत लगभग 66 करोड़ की लागत से 110 मीटर लंबाई का यह सिग्नेचर पुल बनाया जा रहा था। उत्तराखंड का यह पहला सिग्नेचर पुल था जिसका निर्माण 2021 से चल रहा था।

पहले भी हो चुका है हादसा

2022 में इस पुल का बेस गिरने से 3 मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बाद निर्माण कार्य तेज किया गया और मई 2023 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन गुरुवार, 18 जुलाई को पुल के एक छोर का टॉवर अचानक गिर गया।

रेल विकास निगम ने दिया था पैसा

पुल निर्माण के लिए रेल विकास निगम ने वित्तीय सहायता दी थी क्योंकि बद्रीनाथ हाईवे की जगह पर रेलवे की टनल बन रही है। रेलवे ने यह काम राष्ट्रीय राजमार्ग खंड श्रीनगर को सौंपा और एनएच ने इसे आरसीसी नामक कंपनी को दिया।

कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग

जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र बिष्ट और उप प्रधान नरकोटा कुलदीप जोशी ने आरसीसी कंपनी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब से पुल का निर्माण शुरू हुआ, तभी से निर्माण कार्य पर संदेह था। पहले भी पुल के बेसमेंट में हादसा हुआ था। उन्होंने कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

जांच में जुटी कमेटी

उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग आशीष घिल्डियाल ने बताया कि पुल का निरीक्षण किया गया है और जांच कमेटी बना दी गई है। अब यह पता लगाया जाएगा कि किन कारणों से पुल ध्वस्त हुआ है। इस हादसे ने उत्तराखंड में विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और इसके बाद क्या कार्रवाई की जाती है।

 

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