Uttarakhand News: उत्तराखंड में अब सास-बहू के बीच होने वाले घरेलू विवाद महज तकरार से नहीं, बल्कि बातचीत और समझदारी से सुलझेंगे। राज्य महिला आयोग एक बेहद संवेदनशील और दूरदर्शी पहल करने जा रहा है। आइए आपको बताते हैं कि यह फैसला क्यों लिया गया? आने वाले समय में इसका समाज पर क्या असर होगा।
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क्यों जरूरी है यह पहल?
देश भर में घरेलू हिंसा और पारिवारिक कलह के मामले हर दिन तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर सास-बहू के बीच होने वाला झगड़ा कई बार पूरे परिवार को प्रभावित करता है। छोटी-छोटी गलतफहमियां समय के साथ बड़ी दूरियों और हिंसा का रूप धारण कर लेती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य महिला आयोग ने प्रदेश के हर जिले में ‘तेरे मेरे सपने’ नाम से सास-बहू सेल ओपन करने का बड़ा निर्णय लिया है।
क्या करेगी यह सास-बहू सेल?
इस सेल की सबसे खास बात यह है कि यह विवाद के बाद नहीं, बल्कि विवाद से पहले ही उसका समाधान निकालने की कोशिश करेगी। यानि शादी से पहले सास और बहू दोनों की काउंसलिंग की जाएगी, ताकि आपसी तालमेल बेहतर हो और वैवाहिक जीवन सौहार्दपूर्ण माहौल में शुरू हो। ऐसे में यह पहल उम्मीद की किरण है, जो सास और बहू को एक मंच पर लाकर न सिर्फ उनके रिश्तों में मिठास भरेगी, बल्कि पूरे परिवार की नींव भी मजबूत करेगी।
बोर्ड बैठक में लिया गया बड़ा फैसला
आयोग मुख्यालय में आयोजित बोर्ड बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य परिवारों में, खासकर नवविवाहित जोड़ों और उनके परिवारों में शांति और सौहार्द बनाए रखना है, वहीं राज्य मंत्री मधु भट्ट ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि समाज में सौहार्द, संवाद और समझ बढ़ाने की दिशा में यह कदम अहम साबित होगा।
हर जिले में खुलेंगे वन स्टॉप सेंटर
बैठक में हर जिले में दो स्मार्ट वन स्टॉप सेंटर खोलने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। ये सेंटर महिलाओं को एक ही स्थान पर कानूनी सहायता, काउंसलिंग और अन्य मदद मुहैया कराएंगे। राज्य महिला आयोग की इस पहल को पारिवारिक सौहार्द और समाज में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।