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Wrestlers Protest: पहलवानों के खिलाफ दर्ज़ होगी FIR? कोर्ट में याचिका दाखिल

नई दिल्ली: WFI अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाले पहलवानों पर FIR दर्ज़ करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई है. ये याचिका पटियाला हाउस कोर्ट […]

Wrestlers Protest
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  • Last Updated: May 24, 2023 17:32:53 IST

नई दिल्ली: WFI अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाले पहलवानों पर FIR दर्ज़ करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई है. ये याचिका पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई है.

लगाया ये आरोप

पहलवानों के खिलाफ दायर याचिका पर कल 2 बजे कोर्ट में सुनवाई होनी है. याचिका में विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मालिक और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज़ करने की मांग की गई है. दरअसल याचिकाकर्ता का आरोप है कि पहलवानों ने पीएम मोदी और बृजभूषण सिंह के खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे इसलिए उनके खिलाफ FIR दर्ज़ होनी चाहिए.

भरोसा करना मुश्किल

याचिका में आगे आरोपी प्रसिद्ध पहलवान हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी खेलते हुए देखा जाता है. उनमें से कोई भी कथित अपराध का विरोध करने के लिए शारीरिक रूप से कमजोर नहीं था. इसलिए उनका भरोसा करना मुश्किल है कि 66 साल के बृजभूषण सिंह ने उन्हें परेशान किया था.

पहलवानों ने क्यों नहीं किया विरोध?

कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में ये भी दलील दी गई है कि आरोप लगाने वाले पहलवान ने ना तो कथित उत्पीड़न का विरोध किया और ना ही पुलिस स्टेशन या महिला हेल्पलाइन पर मदद ली. और ना इनमें से किसी भी महिला पहलवान ने महिला आयोग में लिखती या मौखिक शिकायत दर्ज़ करवाई. जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन केवल कार्रवाई के लिए पुलिस और कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए संबंध में है.

हेट स्पीच का इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन में “मोदी तेरी कब्र… ” जैसी नारों का इस्तेमाल किया गया. इस तरह के नारे हेट स्पीच में आते हैं और प्रदर्शनकारियों द्वारा इसका इस्तेमाल करना भाषा के आधार पर ठीक नहीं है. उन्होंने पीएम मोदी को जान से मारने तक की धमकी दी थी जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हेट स्पीच के अंदर गंभीर श्रेणी के आरोप में आता है. आगे याचिका में कहा गया है कि आरोपी पहलवानों द्वारा धरना स्थल पर किए गए झूठे आरोपों और गतिविधियों के आधार पर बृजभूषण शरण सिंह के चरित्र की हत्या की गई है.

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