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साथ आएगी RLJD और BJP? अमित शाह से मिले उपेंद्र कुशवाहा

नई दिल्ली: दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए पहुंचे. गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा गृह मंत्रालय के दफ्तर में शाह के साथ मुलाकात करने पहुंचे. अमित शाह और कुशवाहा के बीच चल रही इस मुलाकात के एक बार फिर […]

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  • Last Updated: April 20, 2023 20:31:13 IST

नई दिल्ली: दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए पहुंचे. गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा गृह मंत्रालय के दफ्तर में शाह के साथ मुलाकात करने पहुंचे. अमित शाह और कुशवाहा के बीच चल रही इस मुलाकात के एक बार फिर सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. जहां आरएलजेडी और भाजपा के साथ आने की चर्चाएं तेज हो गई हैं.

भाजपा कैंप में काफी सक्रिय हलचल

एक बार फिर कुशवाहा के भाजपा के साथ जुड़ने की चर्चा तेज है जहां गुरुवार (20 अप्रैल) को उपेंद्र कुशवाहा और अमित शाह ने दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय के दफ्तर में मुलाकात की. गौरतलब है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी JDU को छोड़कर कुशवाहा ने अपनी पार्टी RLJD बनाई थी जिसके बाद से भाजपा कैंप में काफी सक्रिय हलचल देखने को मिली थी. लेकिन भाजपा द्वारा बिहार में कुशवाहा की बिरादरी के सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से आशंका जताई जा रही है कि NDA या भाजपा में कुशवाहा के भाव कम हो सकते हैं.

समीकरण बिगड़ता नज़र आया

बता दें, पहली बार कुशवाहा ने भाजपा के साथ अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी यानी रालोसपा 2014 को लेकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस समय भाजपा ने एनडीए गठबंधन में कुशवाहा की पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए तीन सीटें दी थीं और रालोसपा तीनों ही सीटों पर जीत गई थी. कुशवाहा केंद्र में मंत्री बने लेकिन 2017 में नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने और भाजपा के साथ हाथ मिलाकर एनडीए में आने के बाद से उनका समीकरण बिगड़ता नज़र आया. वहीं साल 2018 के आखिर में वह सरकार से इस्तीफा देकर निकल गए.

पिछले कुछ महीनों से नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बताने वाले कुशवाहा खुद पीएम मोदी का गुणगान भी कर रहे हैं. ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि बिहार में बदलते हुए समीकरण में एनडीए में कोई ताकतवर पार्टी नहीं बची है. भाजपा अपनी शर्तों पर ही सीटों का आवंटन करना चाहती है इसलिए दो धड़ों में बंटने वाली रामविलास पासवान की लोजपा और कुशवाहा सभी भाजपा के नेतृत्व की ओर नज़रें जमाए हैं.

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