नई दिल्ली। सपा नेता अबू आजमी का औरंगजेब पर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया है। अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतिक्रिया दी है। सीएम योगी ने यूपी विधानपरिषद में कहा कि इस आदमी को सबसे पहले समाजवादी पार्टी से निकालो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उस व्यक्ति को समाजवादी पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका उपचार करेंगे। जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की परंपरा पर गर्व करने के बजाय लज्जा महसूस करता है और औरंगज़ेब को अपना नायक मानता है, क्या उसे हमारे देश में रहने का अधिकार होना चाहिए? समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए। आप अपने उस विधायक पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं? आपने उसके बयान का खंडन क्यों नहीं किया?
#WATCH लखनऊ: समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के औरंगज़ेब वाले बयान पर, जिसे बाद में उन्होंने वापस ले लिया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उस व्यक्ति को (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका उपचार करेंगे। जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की… pic.twitter.com/cQx4BTJjXs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2025
बता दें कि अखिलेश यादव ने अबू आजमी का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।
अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा था कि वो क्रूर शासक नहीं है। वो एक अच्छे शासक थे। उनके इस बयान पर महाराष्ट्र में हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी-शिवसेना ने इसे देशद्रोह बताया। इस मामले में अबू आजमी पर केस भी हो गया है। हालांकि विवाद बढ़ता हुआ देखकर उन्होंने माफ़ी मांग ली थी। अब उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है।
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