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Blinkit और Swiggy पर फूटा रेस्टोरेंट के मालिकों का गुस्सा, 10 मिनट में खाना पहुंचाने को लेकर खड़ा हुआ विवाद

खाना डिलीवरी करने वाले ऐप्स के खिलाफ देशभर के होटल और रेस्टोरेंट मालिकों ने मोर्चा खोल दिया है। द फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) के उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने कहा कि इन ऐप्स को केवल एक मार्केटप्लेस की भूमिका निभानी चाहिए।

Restaurant owners, Blinkit and Swiggy
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  • Last Updated: January 11, 2025 10:56:52 IST

नई दिल्ली: खाना डिलीवरी करने वाले ऐप्स के खिलाफ देशभर के होटल और रेस्टोरेंट मालिकों ने मोर्चा खोल दिया है। होटल और रेस्टोरेंट के मालिकों का आरोप है कि जोमैटो और स्विगी अपने प्लेटफॉर्म पर पार्टनर रेस्टोरेंट्स के डेटा का उपयोग अपने ब्रांड्स, जैसे ब्लिंकिट बिस्ट्रो और स्विगी स्नैक को प्रमोट करने के लिए कर रहे हैं। इन ऐप्स पर रेस्टोरेंट मालिकों ने एंटी कॉम्पिटीटिव व्यवहार का आरोप लगाते हुए यूनियन कॉमर्स मिनिस्ट्री से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

ई कॉमर्स रूल्स का हो रहा

द फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) के उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने कहा कि इन ऐप्स को केवल एक मार्केटप्लेस की भूमिका निभानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जोमैटो और स्विगी को अपने प्राइवेट ब्रांड्स को प्रमोट करने के बजाय रेस्टोरेंट्स को क्विक डिलीवरी में सक्षम बनाना चाहिए। शेट्टी ने वाणिज्य मंत्रालय से मुलाकात के लिए समय मांगा है और जल्द ही केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मिलने की योजना बनाई है।

प्रदीप शेट्टी ने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स नियमों को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए। FHRAI देश के लगभग 60,000 होटलों और 5 लाख से अधिक रेस्टोरेंट मालिकों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने मांग की कि जोमैटो और स्विगी को केवल एक मार्केटप्लेस बने रहना चाहिए और अपने प्राइवेट ब्रांड्स को बढ़ावा देने से बचना चाहिए।

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने भी इन ऐप्स के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। NRAI के अध्यक्ष सागर दरयानी ने आरोप लगाया कि जोमैटो और स्विगी एंटी-कॉम्पिटीटिव नॉर्म्स और कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स को रेस्टोरेंट्स की डिलीवरी में मदद करनी चाहिए, न कि अपने जैसे उत्पाद बेचकर प्रतिस्पर्धा को खत्म करना चाहिए। बता दें NRAI इस मामले को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के पास ले जाने की तैयारी कर रहा है। संगठन ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।

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